यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आजकल अपनी हर रैली में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों पर जमकर बरस रहे हैं. 23 जनवरी को सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ कानपुर में एक सभा को संबोधित किया.
ये सभा नागरिकता कानून के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए आयोजित किया गया था. यहां अपने संबोधन में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों से उनकी सरकार अब अपने अंदाज में निपटेगी.
चिंता मत करिए, प्रशासन अपनी शैली में इसका हल ढूंढेगा. विरोध करने का अधिकार सबको है लेकिन देश विरोधी काम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
इन लोगों ने महिलाओं को आगे कर दिया है: योगी
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सिमी और पीएफआई के बुलावे पर आए लोग प्रदर्शन के बीच आगजनी कर रहे हैं. ऐसे लोगों की अवैध संपत्तियां जब्त होंगी. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों ने अपने महिलाओं और बच्चों को आगे कर दिया है.
इससे पहले 22 जनवरी को कानपुर की एक रैली में प्रदर्शन कर रही महिलाओं पर योगी आदित्यनाथ ने कहा था,
‘‘अब इन्होंने क्या किया है? अपने घर की महिलाओं को चौराहे चौराहे पर बैठाना प्रारंभ कर दिया है. बच्चों को (प्रदर्शन में)बैठाना प्रारंभ कर दिया है....इतना बड़ा अपराध कि पुरूष घर में सो रहा है रजाई ओढ़कर और महिलाओं को आगे करके चौराहे चौराहे पर बैठाया जा रहा है.’’
कानपुर में योगी आदित्यनाथ विपक्ष पर भी जमकर बरस रहे थे और उनका दावा था कि विपक्ष ही हिंसक प्रदर्शनों को भड़का रहा है.
योगी ने कहा था कि कांग्रेस, एसपी और वामपंथी दल देश की कीमत पर राजनीति कर रहे हैं और अब विरोध के नाम पर महिलाओं को आगे करने का हथकंडा अपनाया जा रहा है जिन्हें यह भी नहीं मालूम कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) क्या है?
उन्होंने दावा किया, ‘‘ इनके (विपक्षी दलों के) लिये देश महत्वपूर्ण नही है. इनके लिये हिंदू, सिख, बौद्ध, जैनी और पारसी महत्वपूर्ण नहीं है. अब तो कांग्रेस के लिये इसाई भी अहम नहीं रहे. ’’
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