कांग्रेस ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) को नरेंद्र मोदी और अमित शाह का एजेंट करार दिया है. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने केसीआर पर देश की धर्मनिरपेक्ष ताकतों को बांटने और बीजेपी की मदद करने का आरोप लगाया है.
बता दें कि केसीआर विपक्षी दलों का 'फेडरल फ्रंट' बनाने के लिए अलग-अलग क्षेत्रीय दलों के नेताओं से मिल रहे हैं. इसी क्रम में वह सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी चीफ ममता बनर्जी से मिलने पहुंचे. इससे पहले वह रविवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री और बीजेडी अध्यक्ष नवीन पटनायक से मिले थे.
केसीआर बोले, जल्द ही ठोस योजना के साथ आएंगे
टीआरएस अध्यक्ष केसीआर ने ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद कहा कि गैर-बीजेपी और गैर-कांग्रेस गठबंधन के लिए बातचीत जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए वह बहुत जल्द ही एक ठोस योजना के साथ आएंगे.
केसीआर ने कहा, ''दीदी के साथ चर्चा हमेशा होती है. जब दो राजनीतिक नेता मिलते हैं, तो वे निश्चित रूप से आपसी हित और राष्ट्रीय हित के मामलों पर चर्चा करते हैं.'' इसके साथ ही उन्होंने कहा, ''मैं कालीघाट (कोलकाता में प्रसिद्ध काली मंदिर) आया और मैंने दीदी से मिलने और उनका आशीर्वाद लेने के बारे में सोचा.''
केसीआर ने कहा-
‘’अभी केवल बातचीत की शुरुआत है...हम फिर मिलेंगे और इस बात पर चर्चा करेंगे कि चीजों को कैसे आगे ले जाया जाएगा.’’
गैर-बीजेपी और गैर-कांग्रेस गठबंधन पर उनके मिशन के बारे में पूछे जाने पर केसीआर ने कहा कि वह अपना प्रयास जारी रखेंगे.
KCR के झांसे में नहीं आएंगे दलः कांग्रेस
इस बारे में कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पार्टियां केसीआर के झांसे में नहीं आएंगी. कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने विश्वास जताया कि अगले चुनावों के बाद कांग्रेस विजेता बनकर उभरेगी.
सिंघवी ने टीआरएस प्रमुख के प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर दिल्ली में पत्रकारों से कहा-
‘‘अगर आप बहिष्कार की बात करते हैं और कांग्रेस के साथ सहयोगी बनने की इच्छा रखने वाले के सहयोगी नहीं बनना चाहते हैं तो आप ‘अलगाव की राजनीति’ कर रहे है और आप सत्ताधारी पार्टी की मदद करना चाहते है. मेरा मानना है कि अन्य पार्टियां इस झांसे में नहीं आएंगी.’’
बीजेपी ने कांग्रेस पर उठाए सवाल
बीजेपी के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने इस मामले पर कहा-
टीआरएस प्रमुख केसीआर के प्रयासों और कुछ क्षेत्रीय दलों के स्पष्ट हितों से पता चलता है कि कांग्रेस और उसके अध्यक्ष राहुल गांधी एनडीए के बाहर कई दलों को अगुवा के रूप में स्वीकार्य नहीं हैंजीवीएल नरसिम्हा राव
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