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कांग्रेस में 2 ग्रुप नहीं हैं,पार्टी एक है,अध्यक्ष सोनिया हैं-आनंद

अगस्त 2020 में कांग्रेस की टॉप लीडरशिप को लेटर लिखने वाले 23 कांग्रेसी नेताओं (G-23) को लेकर अक्सर सवाल उठने लगे हैं

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अगस्त 2020 में कांग्रेस की टॉप लीडरशिप को लेटर लिखने वाले 23 कांग्रेसी नेताओं (G-23) को लेकर अक्सर सवाल उठने लगे हैं. इन्हीं 23 नेताओं में आने वाले कांग्रेस वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने 10 मार्च को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ किया कि कांग्रेस में कोई दो गुट नहीं है, एक ही पार्टी है जिसकी शीर्ष नेता सोनिया गांधी हैं.

G-23 और पार्टी में अलग गुट बन जाने के सवाल पर आनंद शर्मा ने कहा,

एक बात यहां साफ कर देना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी में ऐतिहासिक रूप से आंतरिक चर्चा होती है. जो मुद्दे होते हैं उनपर चर्चा की जाती है. आजादी के पहले से लेकर अबतक कांग्रेस में ये परंपरा चली आ रही है. कांग्रेस में कोई दो ग्रुप नहीं हैं. एक इंडियन नेशनल कांग्रेस है, जिसकी अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं. अभी एकमात्र मकसद ये है कि एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा जाए. बीजेपी को हराया जाए, दूसरी विपक्षी पार्टियों को हराया जाए.
आनंद शर्मा
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आनंद शर्मा ने पिछले दिनों क्या-क्या कहा था?

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की तरफ से पहले लेटर आया और हाल ही में गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल और आनंद शर्मा जैसे नेता जम्मू-कश्मीर में इकट्ठा हुए थे. उस दौरान आनंद शर्मा ने कहा था कि

हममें से कोई ऊपर से नहीं आया. खिड़की या रोशनदान से नहीं आया. सब दरवाजे से आए हैं, चलकर आए हैं. छात्र आंदोलन से आए हैं. युवक आंदोलन से आए हैं. यह अधिकार मैंने किसी को नहीं दिया कि कोई बताए कि हम कांग्रेसी हैं कि नहीं हैं. यह हक किसी का नहीं है. हम बता सकते हैं कांग्रेस क्या है. हम बनाएंगे कांग्रेस को.
आनंद शर्मा

ISF से गठबंधन पर आनंद शर्मा ने लताड़ा था

इसी महीने पश्चिम बंगाल में आईएसएफ के साथ गठबंधन को लेकर आनंद शर्मा ने अधीर रंजन चौधरी के फैसले का विरोध किया है. उन्होंने कहा है कि ये गठबंधन कांग्रेस की विचारधारा के खिलाफ है.

सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस चयनात्मक नहीं हो सकती है. हमें हर सांप्रदायिकता के हर रूप से लड़ना है. पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की उपस्थिति और समर्थन शर्मनाक है, उन्हें अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए. आईएसएफ और ऐसे अन्य दलों से साथ कांग्रेस का गठबंधन पार्टी की मूल विचारधारा, गांधीवाद और नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है, जो कांग्रेस पार्टी की आत्मा है. इन मुद्दों को कांग्रेस कार्य समिति पर चर्चा होनी चाहिए थी.
आनंद शर्मा

ऐसे में 10 मार्च को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में आनंद शर्मा का ये बयान मायने रखता है.

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