नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर-2020 (एनपीआर) का खुलकर विरोध कर रही कांग्रेस जल्द ही इन मुद्दों के साथ यूनिवर्सिटीज में छात्रों पर हमले, आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, कृषि संकट और महिला सुरक्षा जैसे जनहित के मुद्दों को लेकर व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाएगी. इस अभियान में कांग्रेस केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को घेरेगी.
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया है कि 11 जनवरी को हुई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में यह कहा गया कि मोदी सरकार के खिलाफ पार्टी के नेता और कार्यकर्ता जनता के बीच जाएं और इन मुद्दों को लेकर सरकार की नीतियों को बेनकाब करें.
इसके तहत पार्टी के सभी फ्रंटल संगठन, विभाग और प्रदेश कांग्रेस कमेटियां अलग-अलग कार्यक्रमों के आधार पर जनता से संपर्क करेंगी और इन मुद्दों को उठाएंगी.
सूत्रों का कहना है कि 13 जनवरी को समान विचारधारा वाली पार्टियों की बैठक में भी इन मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होगी और मोदी सरकार को संसद के आगामी बजट सत्र के दौरान और सड़क पर भी घेरने के लिए इन दलों को साथ लेने की कोशिश होगी. विपक्षी दलों की इस बैठक के बाद कांग्रेस इस जनसंपर्क अभियान की पूरी रूपरेखा पेश कर सकती है.
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘’सीएए के मुद्दे पर पार्टी पहले से ही अलग अलग कार्यक्रमों, प्रेस वार्ताओं, धरना-प्रदर्शनों के जरिए आवाज उठा रही है. लेकिन अब सीएए, एनआरसी और एनपीआर के मुद्दों के साथ ही जनहित के मुद्दों को भी व्यापक स्तर पर जनता के बीच उठाया जाएगा.’’
सीडब्ल्यूसी की 11 जनवरी को दो घंटे से ज्यादा चली बैठक में सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों और जेएनयू सहित कई विश्वविद्यालयों में छात्रों पर हमले के बाद बने हालात, अर्थव्यवस्था में सुस्ती, जम्मू-कश्मीर की स्थिति और पश्चिम एशिया के मौजूदा हालात पर चर्चा की गई. इसके साथ ही जेएनयू और कई विश्वविद्यालयों में हिंसा की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव भी पारित किया गया.
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