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चुनाव में हार से कांग्रेस में 'हाहाकार', वरिष्ठ नेताओं का नेतृत्व से सवाल

कांग्रेस पार्टी में G-23 के कथित विद्रोही नेताओं ने दिल्ली में गुलाम नबी आजाद के आवास पर मुलाकात की.

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कांग्रेस पार्टी (Congress) में कथित विद्रोही नेताओं के एक समूह, G-23 के कई नेताओं ने दिल्ली में गुलाम नबी आजाद के आवास पर बुधवार शाम, 16 मार्च को मुलाकात की, जिसमें 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में मिली हार पर मंथन किया गया.

जिन राज्यों में कांग्रेस की पकड़ थी वहां भी चीजें कांग्रेस के हाथ से रेत की तरह फिसल गईं. कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, भूपेंद्र हुड्डा और पृथ्वीराज चव्हाण सहित नेताओं ने कहा, "हम मानते हैं कि कांग्रेस के लिए आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका ये है कि सामूहिक और समावेशी नेतृत्व हो और सभी स्तरों पर निर्णय लेने का मॉडल अपनाना जाए."

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चव्हाण ने बैठक के बाद एक बयान में कहा,

"बीजेपी का विरोध करने के लिए कांग्रेस पार्टी को मजबूत करना आवश्यक है. हम 2024 के लिए एक विकल्प खड़ा करने के लिए और एक मंच बनाने के लिए, कांग्रेस पार्टी से अन्य समान विचारधारा वाली ताकतों के साथ बातचीत शुरू करने की मांग करते हैं."

G-23 ग्रुप ने कहा कि इस संबंध में अगले कदमों की घोषणा जल्द की जाएगी. तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर भी बैठक में शामिल हुए, जो आमतौर पर गांधी परिवार के नेतृत्व पर अपने विचारों में तटस्थ रहते हैं.

बैठक से पहले थरूर की तरफ से कहा गया, "मैंने अपनी गलतियों से बहुत कुछ सीखा है, मैं कुछ और करने की सोच रहा हूं."
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जी-23 नेता

2014 के बाद से कांग्रेस लगातार चुनाव हार रही है. 2014 की हार के बाद जी-23 नेताओं ने सबसे पहले सोनिया गांधी को 2020 में "बड़े संगठनात्मक परिवर्तन और पूर्णकालिक नेतृत्व" के संबंध में पत्र लिखा था.

समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, कुछ और नेता - पटियाला की सांसद परनीत कौर, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला, पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर और हरियाणा के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप शर्मा भी बुधवार को समूह की बैठक में शामिल हुए.

G-23 नेताओं की बैठक रविवार को कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक के बाद हुई, जिसमें ये निर्णय लिया गया कि सोनिया गांधी इस साल अगस्त में इस पद के लिए चुनाव होने तक अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में बनी रहेंगी.
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बैठक के बाद, सिब्बल गांधी परिवार के खिलाफ बोलने में काफी मुखर रहे हैं. उनकी टिप्पणियों को पार्टी के कई अन्य नेताओं से प्रतिक्रिया मिली. समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार चांदनी चौक सिटी जिला कांग्रेस कमेटी और आदर्श नगर जिला कांग्रेस ने बुधवार को पूर्व सांसद सिब्बल के खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए प्रस्ताव भी पारित किया.

क्या कहा था सिब्बल ने?

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "मुझे 'सब की कांग्रेस' चाहिए, कुछ अन्य 'घर की कांग्रेस' चाहते हैं और मैं 'सब की कांग्रेस' के लिए लड़ूंगा." कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर उंगली उठाते हुए सिब्बल ने कहा,

"राहुल गांधी पंजाब गए और घोषणा की कि चरणजीत सिंह चन्नी मुख्यमंत्री होंगे. उन्होंने एसा किस हैसित से किया? वह पार्टी के अध्यक्ष नहीं हैं, लेकिन वह सभी निर्णय लेते हैं"
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राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ सिब्बल की टिप्पणी के लिए आलोचना करते हुए कहा कि "वरिष्ठ वकील कांग्रेस की संस्कृति के व्यक्ति नहीं हैं और कांग्रेस की एबीसीडी नहीं जानते."

इस बीच, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सिब्बल एक अच्छे वकील हो सकते हैं लेकिन वह कांग्रेस पार्टी के अच्छे नेता नहीं हैं. वह कांग्रेस के लिए काम करने के लिए कभी किसी गांव में नहीं गए. वह जानबूझकर पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं. सोनिया गांधी या कांग्रेस पार्टी को कोई कमजोर नहीं कर सकता है."

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