संसद के मॉनसून सत्र से पहले अटकलें जा रही हैं कि कांग्रेस अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) को लोकसभा में अपने नेता के पद से हटा सकती है. अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में भी इस बात की संभावना जताई गई है.
चौधरी, जो लोकसभा में बहरामपुर का प्रतिनिधित्व करते हैं, पश्चिम बंगाल में पार्टी के चुनावी अभियान का चेहरा रहे हैं. वह कांग्रेस में बड़े स्तर पर बदलाव की मांग करने वाले जी-23 ग्रुप के नेताओं के कट्टर आलोचकों में से एक रहे थे और इन नेताओं की ओर से सवाल उठाए जाने के दौरान मजबूती से शीर्ष नेतृत्व के साथ खड़े रहे थे.
हालिया पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में हार के बाद, चौधरी ने कहा था कि पार्टी को सोशल मीडिया तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उसे सड़कों पर उतरना होगा और, जैसा कि (कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष) सोनिया गांधी ने निर्देश दिया है, पार्टी को कोविड मरीजों को राहत देने के लिए सक्रिय तौर पर काम करने की जरूरत है.
चौधरी को हटाने के संभावित कदम को कांग्रेस की ओर से तृणमूल कांग्रेस के साथ तालमेल बनाने और संसद में बीजेपी और मोदी सरकार के खिलाफ अभियान का समन्वय करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.
कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की लड़ाई लेफ्ट के साथ गठबंधन करके लड़ी थी, हालांकि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने मुख्य रूप से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला करने से परहेज किया था और वास्तव में, बाद में उनकी जीत का स्वागत भी किया था. हालांकि, चौधरी ने टीएमसी नेता बनर्जी और उनकी सरकार की जमकर आलोचना की थी.
ऐसे में चौधरी को हटाना शायद कांग्रेस की ओर से यह सुनिश्चित करने की कोशिश हो सकती है कि संसद में तृणमूल कांग्रेस के साथ बिना किसी बाधा के तालमेल बना रहे. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ अपनी जोरदार लड़ाई को बड़े पैमाने पर संसद तक ले जाने के लिए कमर कस रही है. टीएमसी राज्यपाल को वापस बुलाने की मांग को लेकर राष्ट्रपति से संपर्क करने के लिए कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की ओर रुख कर सकती है. टीएमसी ने राज्यपाल पर आरोप लगाया है कि वह पक्षपातपूर्ण तरीके से काम कर रहे हैं.
इस बीच, यह बड़ा सवाल उठ रहा है कि अगर चौधरी को हटाया जाता है तो संसद के निचले सदन में कांग्रेस का नेता किसे बनाया जाएगा? रिपोर्ट के मुताबिक, इस पद की रेस में सबसे आगे तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर और आनंदपुर साहिब के सांसद मनीष तिवारी हैं.
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