सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है, ये वीडियो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी (Rashid Alvi) का है. बीजेपी का आरोप है कि राशिद अल्वी ने हिंदू विरोधी बयान दिया है. हालांकि राशिद अल्वी ने इस पर सफाई दी है और आरोपों से इनकार कर दिया है. लेकिन बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर का कहना है कि उन्हें इसके लिए सजा दिलवाएंगे.
दरअसल संभल में आयोजित एक कार्यक्रम में राशिद अल्वी हिस्सा लेने पहुंचे थे. जहां उन्होंने कहा कि जय श्री राम बोलने वाले कुछ लोग संत नहीं है, वो राक्षस की तरह हैं. इस बयान से पहले वो रामायण के एक प्रसंग का जिक्र कर रहे थे, जिसमें वो बता रहे थे कि संजीवनी बूटी लेने के लिए जब हनुमान जी हिमालय जा रहे थे और संत के वेष में एक राक्षस ने उन्हें रोकने का मायाजाल रचा था.
जब हनुमानजी संजीवनी बूटी लेने के लिए हिमालय जा रहे थे, तब एक राक्षस (कालनेमि) संत की वेष में जयश्रीराम-जयश्रीराम कह रहा था. तब हनुमानजी रुके, उस राक्षस ने कहा कि जय श्रीराम बिना नहाए नहीं कहा जा सकता, हालांकि अभी कई लोग बिना नहाए ही जय श्रीराम बोलते हैं, खैर फिर हनुमान जी नहाने गए, जहां एक श्रापित मगरमच्छ ने उन्हें पकड़ लिया, मगरमच्छ को मुक्ति मिली और उसने संत का वेष बनाए राक्षस के बारे में सच्चाई बताई. आज भी कई लोग जय श्रीराम का नारा लगाते हैं, वो मुनि नहीं हैं, राक्षस हैं, इसलिए होशियार रहने की जरूरत है.राशिद अल्वी, कांग्रेस नेता
राशिद अल्वी को सजा दिलाने का प्रयास करेंगे- प्रज्ञा ठाकुर
राशिद अल्वी के इस बयान के बाद बीजेपी ने उन्हें घेरना शुरू कर दिया. भोपाल से बीजेपी की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने जो कहा है, "यह निश्चित रूप से विक्षिप्तों की पार्टी बन गई है. हिंदुत्व, हिंदू, भगवा, सनातन धर्म, यह सब इनकी समझ से परे है. इन्हें नहीं समझ सकते हैं. हम कानून के अंतर्गत इन्हें सजा दिलाने का पूरा प्रयास करेंगे".
बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि, "कांग्रेस नेताओं में यह होड़ लगी हुई है कि कौन हिंदुओं को कितना ज्यादा अपमानित कर सकता है. कांग्रेस के नेता राहुल गांधी जब भगवान राम और कृष्ण को काल्पनिक बताते हो, रामसेतु को तोड़ने के लिए हलफनामा देते हो और मंदिर में पूजा करने जाने वाले लड़कों को लड़कियां छेडने को बताते हो, हिंदुओं का इस तरीके का अपमान कांग्रेस पार्टी को बहुत महंगा पड़ेगा".
राशिद अल्वी ने अपनी सफाई में क्या कहा?
इस बवाल के बाद राशिद अल्वी ने सफाई देते हुए कहा कि, 'मेरे भाषण के दौरान वहां सैकड़ों साधु-संत बैठे थे, मैंने हरगिज ये नहीं कहा कि जय श्रीराम बोलने वाला हर आदमी राक्षस होता है, मैंने कहा है कि जय श्रीराम बोलने वाला हर आदमी मुनि नहीं होता है, श्रीराम एक आस्था का नाम है, उन पर राजनीति नहीं की जा सकती.
आगे वो कहते हैं, "मैंने ये भी कहा है कि देश में सही मायने में राम राज्य आना चाहिए, जहां पर नफरत का नामो-निशान ना हो, बीजेपी की आदत है कि एक-एक शब्द निकाल कर उसका अनुचित प्रयोग किया जाए".
कौन था कालनेमि नाम का मायावी राक्षस?
रामायण की कथा के अनुसार जब राम के भाई लक्ष्मण बेहोश हो जाते हैं तब वैद्यराज के कहने पर हनुमान संजीवनी बूटी लाने के लिए हिमालय की तरफ जाते हैं. अब हनुमान को रोकने के लिए रावण एक कालनेमि नाम के मायावी राक्षस को भेजता है.
कालनेमि ने एक साधु का वेश धारण कर हनुमान के रास्ते में राम-राम का जाप करना शुरू कर दिया. हनुमान जब राम का नाम सुनते हैं तो वहीं रुकते जाते हैं. कालनेमि हनुमान को अपने आश्रम में कुछ देर विश्राम कर फिर आगे बढ़ने के लिए कहता है.
इस दौरान जब हनुमान स्नान करने नजदीकी कुंड में जाते हैं तब कालनेमि मगरमच्छ का रूप धारण कर इस कुंड में घुस आता है. फिर हनुमान जी और उसके बीच युद्ध होता है और कालनेमि का वध हो जाता है.
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