कांग्रेस पार्टी (Congress) का 2024 लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के लिए घोषणा पत्र (Manifesto) तैयार हो गया है, पार्टी ही जल्द ही इसका ऐलान करने वाली है. इस बार का घोषणापत्र 5 ‘न्याय’ और 25 ‘गारंटी’ पर आधारित होगा. कांग्रेस का दावा है कि उसका घोषणा पत्र और गारंटियां महज दस्तावेज नहीं, बल्कि करोड़ों देशवासियों के साथ हुए संवाद से निकला रोडमैप होगा. हाल ही में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में मेनिफेस्टो पर चर्चा हुई थी.
2024 के लिए कांग्रेस की 5 'न्याय' क्या हैं?
आम चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस ने महिलाओं, किसानों, युवाओं और मजदूरों को फोकस करते हुए 5 न्याय का ऐलान किया है. सभी न्याय के तहत 5-5 गारंटियां दी गई हैं. ये न्याय इस प्रकार हैं:
किसान न्याय
नारी न्याय
युवा न्याय
श्रमिक न्याय
हिस्सेदारी न्याय
"हम निभाएंगे", नाम से कांग्रेस ने 2019 में अपना घोषणा पत्र जारी किया था. पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में 'न्यूनतम आय योजना' 'न्याय' का ऐलान किया था. 2024 में पार्टी ने इसको विस्तारित करते हुए अलग-अलग कैटेगरी में बांटा है.
2019 में कांग्रेस का मेनिफेस्टो 6 बिंदुओं पर आधारित था:
काम
दाम
शान
सुशासन
स्वाभिमान
सम्मान
वहीं 2014 लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने 'आपकी आवाज हमारी प्रतिज्ञा' नाम से अपना घोषणा पत्र जारी किया था. इस घोषणा पत्र में कांग्रेस ने
2014-2019 के लिए एक आर्थिक रोडमैप पेश किया था
विकास के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 100 दिवसीय एजेंडा
रोजगार सृजन और कौशल विकास में तेजी लाने की बात कही थी.
किसान
सबसे पहले बात करते हैं किसानों की. 2024 चुनाव से पहले कांग्रेस ने 'किसान न्याय' का ऐलान किया है. इस योजना के तहत कांग्रेस ने किसानों के लिए पांच गारंटी की घोषणा की है. इसमें MSP पर कानून लाने से लेकर ऋण माफी आयोग बनाने का वादा शामिल है.
सही दाम: MSP को स्वामीनाथन आयोग के फार्मूले के तहत कानूनी दर्जा देने की गारंटी.
कर्ज माफी: किसानों के ऋण माफ करने और ऋण माफी की राशि निर्धारित करने के लिए एक स्थायी ‘कृषि ऋण माफी आयोग’ बनाने की गारंटी.
बीमा सुरक्षा: बीमा योजना में परिवर्तन कर फसल का नुकसान होने पर 30 दिनों के भीतर सीधे बैंक खाते में भुगतान सुनिश्चित करने की गारंटी.
आयात-निर्यात नीति: किसानों के हित को आगे रखते हुए एक नई आयात-निर्यात नीति बनाने की गारंटी.
GST मुक्ति: कृषि सामग्रियों से GST हटा कर किसानों को GST मुक्त बनाने की गारंटी.
2019 में पार्टी ने किसानों के लिए 'दाम-सबके हितार्थ अर्थव्यवस्था' के तहत कई वादे किए थे. कांग्रेस ने कृषि क्षेत्र को विशेष महत्व देते हुए अलग से किसान बजट पेश करने की बात कही थी. साथ ही कृषि क्षेत्र के विकास की योजनाओं और कार्यक्रम को बनाने के लिए एक स्थाई राष्ट्रीय आयोग “कृषि विकास और योजना आयोग” की स्थापना का भी वादा किया था.
कांग्रेस का कहना था कि केवल कृषि कर्ज माफ ही नहीं करेंगे बल्कि उचित मूल्य, कम लागत, बैंकों से कर्ज की सुविधा दे कर किसानों को अधिक आत्मनिर्भर बनाएंगे. कर्ज नहीं चुकाने पर किसानों पर आपराधिक मामले दायर नहीं किए जाएंगे.
2014 में कांग्रेस ने मल्टीब्रैंड रीटेल में FDI लाने का वादा किया था, जिससे किसानों को अपनी फसलों का अधिकतम मूल्य मिल सके. इसके साथ ही, पार्टी ने 1 करोड़ हेक्टेयर खेती वाले इलाके के विकास की भी बात कही थी. कांग्रेस ने मछली पालन के लिए अलग मंत्रालय का वादा किया था और किसानों के लिए कम ब्याज दर पर लोन की सुविधा देने का भी ऐलान किया था.
महिलाएं
इस बार कांग्रेस महिला वोटर्स को साधने के लिए 'नारी न्याय' लेकर आई है. इसके तहत गरीब महिलाओं को 1 लाख रुपये, सरकारी नौकरियों में 50 प्रतिशत कोटा और महिलाओं के लिए छात्रावास शामिल है.
महालक्ष्मी: गरीब परिवार में एक महिला को सालाना 1 लाख रुपए.
आधी आबादी, पूरा हक: केंद्र सरकार में सभी नई भर्तियों में आधा हिस्सा महिलाओं के लिए आरक्षित किया जाएगा.
शक्ति का सम्मान: आशा, आंगनवाड़ी और मिड-डे मील बनाने वाली महिलाओं के मासिक वेतन में केंद्र सरकार का योगदान दोगुना किया जाएगा.
अधिकार मैत्री: सभी पंचायत में एक अधिकार मैत्री नियुक्त करेंगे, जो महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों की जानकारी देंगे और इन अधिकारों को लागू करने में मदद करेंगे.
सावित्री बाई फुले हॉस्टल: केंद्र सरकार देश में कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल की संख्या दोगुनी करेगी, प्रत्येक जिले में कम से कम एक हॉस्टल होगा.
2019 में कांग्रेस ने चुनाव जीतने पर न्यूनतम आय योजना (NYAY) शुरू करने का वादा किया था. इसका उद्देश्य गरीब परिवारों के लिए सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करना था. कांग्रेस ने भारत के सबसे गरीब 20 प्रतिशत परिवारों को प्रति वर्ष 72,000 रुपये ट्रांसफर करने का वादा किया था. पार्टी ने न्याय योजना के तहत दिए जाने वाले पैसे को महिलाओं के खाते में ट्रांसफर करने की बात कही थी.
राहुल गांधी ने नारा दिया था- 'गरीबी पर वार 72 हजार' और कहा कि 'हमारा पहला कदम न्याय का कदम है.'
राहुल गांधी ने तब कहा था कि इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा. इसकी अनुमानित लागत पहले साल में जीडीपी का 1 फीसदी से कम और उसके बाद जीडीपी के 2 फीसदी से कम रहने की उम्मीद है.
कांग्रेस ने कहा था कि वो लोकसभा और राज्य विधान सभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का प्रावधान करेगी. बता दें कि पिछले साल महिला आरक्षण विधेयक 2023 या नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित हुआ है. जिसके तहत लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं के लिये एक-तिहाई सीटें आरक्षित होंगी.
कांग्रेस ने इसके साथ ही केन्द्र सरकार की नौकरियों में 33 फीसदी आरक्षण का वादा किया था. इसके साथ ही सीआईएसएफ, सीआरपीएफ और बीएसएफ जैसी सशस्त्र बलों में महिलाओं की संख्या बढ़ाकर 33 फीसदी करने का वादा किया था. राज्य पुलिस बल में पदोन्नति में भी महिलाओं के 33 फीसदी आरक्षण के मापदंड के सम्मान की बात कही थी.
वहीं 2014 में भी कांग्रेस ने लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित करने के लिए महिला आरक्षण विधेयक का वादा किया था. इसके साथ ही, महिलाओं को भूमि अधिकार देने की भी बात कही थी. महिलाओं की सुरक्षा और संरक्षण के लिए सिटिजन चार्टर, महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को सस्ती ब्याज दर पर एक लाख तक का लोन और हर पुलिस स्टेशन में 25 पर्सेंट महिला स्टाफ का भी वादा किया गया था.
युवा
किसानों, महिलाओं के साथ ही पार्टी ने युवाओं को लेकर भी कई घोषणाएं की हैं.
भर्ती भरोसा: केंद्र सरकार में 30 लाख के करीब सभी खाली वैकेंसी को भरने का वादा.
पहली नौकरी पक्की: कांग्रेस पार्टी ने शिक्षुता का अधिकार (Right to Apprenticeship) कानून की भी गारंटी दी है.
पेपर लीक से मुक्ति: पेपर लीक रोकने के लिए कांग्रेस ने कानून बनाने की गारंटी दी है.
सामाजिक सुरक्षा: अनौपचारिक तरीके से नौकरी करने वाले युवाओं की समाजिक सुरक्षा और वर्किंग कंडिशन में सुधार के लिए कानून बनाने का वादा.
युवा रोशनी: इसके तहत 5 हजार करोड़ की राशि से एक फंड बनाया जाएगा, जिसे देश के सभी जिलों में बांटा जाएगा.
2019 में कांग्रेस ने सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में नौकरियों को नंबर 1 प्राथमिकता बनाने का संकल्प लिया था. पार्टी ने सार्वजनिक क्षेत्र में 34 लाख नौकरियां देने का वादा किया था.
मार्च 2020 से पहले केंद्र सरकार की सभी 4 लाख रिक्तियों को भरना
राज्य सरकारों को अपनी 20 लाख रिक्तियों को भरने के लिए राजी करना
प्रत्येक ग्राम पंचायत और शहरी स्थानीय निकाय में अनुमानित 10 लाख नए सेवा मित्र पद सृजित करना
इसके साथ ही पार्टी ने “प्रशिक्षु/इंटर्नशिप कार्यक्रम” को लागू करने के लिए कंपनी नियम 2014 (कॉरपोरट सामाजिक दायित्व नीति) में संशोधन करने की बात कही थी, जिससे की अप्रेंटिसशिप को जोड़ा जा सके.
कांग्रेस ने सरकारी पदों के लिए होने वाली परीक्षा से आवेदन शुल्क हटाने का वादा किया था.
कांग्रेस ने सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 12 तक स्कूली शिक्षा अनिवार्य और मुफ्त करने का भी वादा किया था.
2014 चुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से जारी घोषणा पत्र में रोजगार को कानूनी अधिकार के दायरे में लाना मुख्य बिंदु था. पार्टी ने देश के 10 करोड़ युवाओं को पांच सालों में स्किल डिवेलपमेंट का मौके देकर रोजगार मुहैया कराने का वादा किया था. 2020 तक हेल्थ सेक्टर में 60 लाख नई नौकरियों की घोषणा की गई थी.
इसके साथ ही देश में मिडिल, हायर एजुकेशन पर जोर दिया जाएगा और इन क्षेत्रों में जीईआर को बढ़ाने की भी बात कही गई थी. कांग्रेस ने स्टूडेंट्स के हितों के संरक्षण के लिए नेशनल स्टूडेंट कमिशन के गठन का भी ऐलान किया था.
मजदूर
श्रमिक न्याय के जरिए कांग्रेस ने 2024 लोकसभा चुनाव से पहले मजदूरों से भी कई वादे किए हैं. पार्टी ने श्रमिकों को स्वास्थ्य, रोजगार, सामाजिक सुरक्षा देने का वादा किया है. श्रमिक न्याय के तहत कांग्रेस की 5 गारंटियां इस प्रकार हैं:
स्वास्थ्य अधिकार: कांग्रेस ने दिया स्वास्थ्य अधिकार का कानून बनाने का गारंटी
श्रम का सम्मान: राष्ट्रीय स्तर पर न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाकर 400 रुपये प्रति दिन करने का वादा
शहरी रोजगार गारंटी: सरकार में आने पर कांग्रेस शहरी क्षेत्रों के लिए रोजगार गारंटी कानून लाएगी.
समाजिक सुरक्षा: असंगठित क्षेत्र के सभी श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा का वादा
सुरक्षित रोजगार: मजदूर विरोधी श्रम कोड की समीक्षा का वादा.
2019 में कांग्रेस ने स्वास्थ्य का अधिकार कानून लागू करने का वादा किया था, जिसके तहत हर नागरिक को स्वास्थ्य सेवाओं, जिनमें मुफ्त डायग्नोसिस, ओ.पी.डी. रोगी देखभाल, दवाओं और सार्वजनिक अस्पतालों और सूचीबद्ध निजी अस्पतालों के व्यापक नेटवर्क के जरिये भर्ती सुविधाओं के अधिकार की गारंटी देने की बात कही गई थी.
इसके साथ ही छोटे, मध्यम और असंगठित मजदूरों के लिए भी कई ऐलान किए थे.
असंगठित क्षेत्र में कार्य करने वाले मजदूरों को विशेष प्रोत्साहन
असंगठित क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों के लिए न्यनतम मजदूरी सुनिश्चित करना
पथ विक्रेता (जीविका संरक्षण और पथ विक्रय विनियमन) अधिनियम 2014 को अक्षरशः लागू करना
प्रवासी मजदूरों को राशन कार्ड मुहैया करवाना
प्रमुख शहरों और कस्बों में आजीविका केन्द्र स्थापित करना
कांग्रेस ने सरकार बनने पर मनरेगा-3.0 शुरू करने का वादा किया गया था. इसके तहत जिन जिलों ने 100 दिन के रोजगार के लक्ष्य को पूरा किया गया है, वहां रोजगार गारंटी बढ़ाकर 150 किया जाएगा और जलाशयों की मरम्मत किया जाएगा. साथ ही स्वास्थ्य केन्द्र, स्कूलों में कक्षा और पुस्तकालय और खेल के मैदानों के लिए भी मनरेगा के तहत काम होगा.
जिन परिवारों के घर या घर बनाने के लिए जमीन नहीं है, कांग्रेस ने ऐसे लोगों के लिए Right to Homestead Act पारित करने का वादा किया था.
2014 में कांग्रेस ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ अधिक एकीकरण को बढ़ावा देने और विशेष रूप से श्रम प्रधान क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को प्रोत्साहन देने का वादा किया था.
इसके अलावा, पार्टी ने संगठित और असंगठित दोनों तरह के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने का वादा किया था. साथ ही श्रम नीति को बढ़ावा देने की भी बात कही थी.
दलित, आदिवासी, पिछड़े
कांग्रेस ने दलित, आदिवासी, पिछड़े/ ओबीसी, अल्पसंख्यक और कमजोर तबकों को ध्यान में रखते हुए ‘हिस्सेदारी न्याय गारंटी’ की घोषणा की है. इसके तहत पार्टी ने कई वादे किए हैं:
गिनती करो: चुनाव जीतने पर सामाजिक, आर्थिक और जाति जनगणना कराने का वादा
आरक्षण का हक: SC, ST और OBC के लिए आरक्षण की 50% की सीमा बढ़ाने का वादा
SC/ST सब प्लान: SC/ST स्पेशल कंपोनेंट प्लान को पुनर्जीवित करने और लागू करने की गारंटी
जल-जंगल-जमीन का कानूनी हक: आदिवासी वन अधिकारों की संरक्षण की गारंटी.
अपनी धरती, अपना राज: आदिवासियों के लिए स्वशासन और उनके सांस्कृतिक अधिकारों की सुरक्षा की गारंटी.
'स्वाभिमान-वंचितों का आत्मसम्मान', इसके तहत कांग्रेस ने 2019 चुनाव से पहले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से कई वादे किए थे. पार्टी ने समान अवसर आयोग स्थापित करने का वादा किया था. इसके साथ ही पार्टी ने एससी, एसटी और ओबीसी के लिए प्रमोशन में भी आरक्षण प्रदान करने के लिए संविधान में संशोधन का वादा किया था.
2014 में पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में कहा था, "कांग्रेस अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए मौजूदा आरक्षण को किसी भी तरह से प्रभावित किए बिना सभी समुदायों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए शिक्षा और रोजगार में आरक्षण शुरू करने के लिए आगे बढ़ने का रास्ता खोजने के लिए प्रतिबद्ध है."
इसके साथ ही पार्टी ने SC/ST सब प्लान को भी लागू करने का वादा किया था.
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