कांग्रेस की पंजाब इकाई में कलह को दूर करने के मकसद से गठित तीन सदस्यीय समिति ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दी. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एक सूत्र ने बताया, ‘‘अब कांग्रेस आलाकमान जल्द ही कोई फार्मूला तय करेगा ताकि पंजाब में कलह को खत्म किया जा सके.’’
वहीं, न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस पैनल ने राज्य सरकार और संगठन के बीच समन्वय के लिए एक समन्वय समिति गठित करने की सिफारिश की है, रिपोर्ट में नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर दो योजनाओं का जिक्र किया गया है.
एक सूत्र ने कहा, ‘’प्लान ए में सिद्धू को प्रदेश इकाई का अध्यक्ष बनाने की बात कही गई है और यह भी कहा गया है कि अगर कैप्टन अमरिंदर सिंह इस बात से सहमत नहीं होते तो सिद्धू को उपमुख्यमंत्री या चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष या चुनाव प्रबंधन समिति का अध्यक्ष बनाया जा सकता है.’’
बता दें कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अगुवाई वाली समिति ने हाल ही में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, कई मंत्रियों, सांसदों और विधायकों समेत कांग्रेस के पंजाब से ताल्लुक रखने वाले 100 से ज्यादा नेताओं से उनकी राय ली थी.
खड़गे के अलावा कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल इस समिति में शामिल थे.
पिछले कुछ वक्त में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली है. विधायक परगट सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ अन्य नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.
एएनआई के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि कुछ को छोड़कर ज्यादातर नेता सीएम अमरिंदर सिंह के पक्ष में हैं और 3 सदस्यीय समिति ने संकेत दिया है कि सिंह को नेता के रूप में बनाए रखा जाना चाहिए.
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