लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे. इस मामले को लेकर लगातार दोनों देशों के बीच बातचीत का दौर जारी है. लेकिन भारत सरकार पर विपक्ष लगातार हमलावर है. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर पीएम से इस घटना को लेकर सवाल पूछे हैं.
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बार गलवान घाटी का जिक्र करते हुए कहा कि, देश शहीदों के बलिदान का आभारी रहेगा. हमें अपने सैनिकों और सेनाओं पर नाज है. देश इसीलिए सुरक्षित है क्योंकि हमारी सेना अपनी प्राणों की बलि देकर भी देश की हिफाजत करती है.
सोनिया ने उठाए सवाल
सोनिया गांधी ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि,
“आज जब भारत-चीन सीमा पर संकट की स्थिति है तो केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकती है. पीएम कहते हैं कि हमारी सीमा में घुसपैठ नहीं हुई है, वहीं दूसरी ओर रक्षा मंत्री और विदेश मंत्रालय बड़ी संख्या में चीनी सैनिकों की मौजूदगी और घुसपैठ की चर्चा करते हैं. हमारी फौज के जनरल, रक्षा एक्सपर्ट और सेटेलाइट तस्वीरें चीनी घुसपैठ की पुष्ठि कर रहे हैं.”सोनिया गांधी
सोनिया ने पूछा कि लद्दाख इलाके में कब्जा की गई सरजमीं को मोदी सरकार कब और कैसे वापस लेगी? क्या चीन की तरफ से गलवान घाटी में नए बंकर बनाकर हमारी अखंडता का उल्लंघन हो रहा है. क्या पीएम देश को इस स्थिति पर विश्वास में लेंगे? सोनिया ने कहा कि सरकार इस वक्त सेना को पूरा समर्थन, सहयोग और ताकत दे.
राहुल बोले- पीएम से सच सुनना चाहता है देश
सोनिया गांधी के अलावा राहुल गांधी ने भी शहीदों को नमन करते हुए एक वीडियो जारी किया. जिसमें उन्होंने कहा कि, "कुछ दिन पहले हमारे पीएम ने कहा था कि हिंदुस्तान की एक इंच जमीन किसी ने नहीं ली, कोई हमारी सीमा पार कर नहीं आया. लेकिन लोग कह रहे हैं, सैटेलाइट फोटोज में दिख रहा है, लद्दाख के लोग कह रहे हैं, आर्मी के जनरल कह रहे हैं चीन ने हमारी जमीन छीनी है. प्रधानमंत्री जी आपको सच बोलना ही पड़ेगा. देश को बताना पड़ेगा. अगर आप कहेंगे कि जमीन नहीं गई और सच में जमीन गई है तो चीन का फायदा होगा. हमें इन्हें वापस फेंकना है, तो आपको सच बोलना पड़ेगा कि चीन ने जमीन ली है और हम कार्रवाई करने जा रहे हैं. पूरा देश आपके साथ खड़ा है."
राहुल ने एक बार फिर वही सवाल दोहराया कि सीमा पर जवानों को बिना हथियार आखिर किसने भेजा और क्यों भेजा. हालांकि इस सवाल को लेकर सरकार की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि सीमा पर जवानों के पास हथियार होते हैं.
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