राफेल विमान सौदे (Rafale Deal) पर उठ रहे सवालों के बीच कांग्रेस बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर लगातार हमला बोल रही है. अब कांग्रेस ने कहा है कि जब कुछ मित्र उद्योगपतियों की जेब भरने का समय आता है, तो मोदी सरकार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि सिर्फ एक नारा बन जाता है.
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा है, ''आजादी के बाद, सभी केंद्र सरकारों ने राष्ट्रीय सुरक्षा को एक गंभीर मुद्दा माना है और इसका राजनीतिकरण करने से परहेज किया है. मोदी सरकार ने भी कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है और इससे कोई समझौता नहीं होना चाहिए. हालांकि, जब बात अपने उद्योगपति मित्रों की जेब भरने की आती है, तो पिछले सात सालों से उनकी (मोदी सरकार की) प्राथमिकता क्रोनी कैपिटलिज्म है. जब उनकी (उद्योगपतियों की) जेब भरने का समय आता है, तो राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि सिर्फ एक नारा बन जाता है.''
बता दें कि फ्रांस की न्यूज वेबसाइट ‘मीडिया पार्ट’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के साथ 59000 करोड़ रुपये के राफेल विमान सौदे में कथित भ्रष्टाचार के मामले में फ्रांस के एक जज को ‘बहुत संवेदशील’ न्यायिक जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
इसे लेकर खेड़ा ने पूछा, ''फ्रांस को भ्रष्टाचार, इन्फ्यूऐंस पेडलिंग, मनी लॉन्ड्रिंग, पक्षपात जैसे मामलों की जांच का आदेश दिए 24 घंटे हो चुके हैं. पूरा देश, पूरी दुनिया अब नई दिल्ली की ओर देख रही है. चुप्पी क्यों?"
इससे पहले कांग्रेस ने शनिवार को फ्रांसीसी वेबसाइट की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सामने आना चाहिए और संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच का आदेश देना चाहिए.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह दावा भी किया था कि नए खुलासे से कांग्रेस और उसके पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की यह बात सच साबित हुई कि इस लड़ाकू विमान सौदे में ‘घोटाला’ हुआ है.
दूसरी तरफ, बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि राहुल गांधी को प्रतिस्पर्धी रक्षा कंपनियां ‘‘मोहरा’’ बना रही हैं और साथ ही दावा किया कि देश को ‘‘कमजोर’’ करने की कोशिश के तहत वह और कांग्रेस पार्टी राफेल विमान सौदे में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते रहे हैं.
(NDTV और हिंदुस्तान टाइम्स के इनपुट्स समेत)
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