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उम्मीद है SC से दो तमाचे खाकर कुछ सुधरेगी मोदी सरकार: केजरीवाल

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अरुणाचल प्रदेश पर कोर्ट के फैसले का स्वागत किया.

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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अरुणाचल प्रदेश में 15 दिसंबर, 2015 की स्थिति बहाल किए जाने के आदेश दिए. साथ ही अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल की ओर से लिए गए सभी फैसलों को खारिज कर दिया.

साथ ही कोर्ट ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश की विधानसभा की ओर से 9 दिसंबर के बाद लिए गए सभी फैसले मान्य नहीं होंगे.

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला आने के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई, जिसमें केंद्र की मोदी सरकार पर सबसे तीखा हमला दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने बोला.

दो बार सुप्रीम कोर्ट से इतना जोरदार तमाचा लगा है मोदी सरकार को. पहले तो उत्तराखंड में और अब अरुणाचल प्रदेश में. इसके बाद उम्मीद की जा सकती है कि मोदी जी जनता द्वारा चुनी गई सरकारों का सम्मान करना सीखेंगे. साथ ही दिल्ली सरकार को काम करने देंगे.
अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के मुख्यमंत्री

अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी जी को संविधान और जनादेश में भरोसा नहीं है. वो इस देश को तानाशाही भरे रवैये से चलाना चाहते हैं.

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‘कोर्ट ने मोदी को बताया कि लोकतंत्र किसे कहते हैं’

अरुणाचल प्रदेश में तब राजनीतिक संकट गहरा गया था, जब 60 सदस्यीय विधानसभा में सत्तापक्ष कांग्रेस के 47 में से 21 विधायकों ने मुख्यमंत्री नाबाम तुकी को हटाने की मांग की थी.

राज्य में जारी राजनीतिक गतिरोध को देखते हुए केंद्र सरकार ने 24 जनवरी को वहां राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी थी.

बाद में इसे कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और जीत हासिल की. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस फैसले के लिए कोर्ट का शुक्रिया अदा किया और कहा कि कोर्ट ने अपने फैसले से पीएम मोदी को यह सिखाया कि लोकतंत्र कहा किसे जाता है.

‘अरुणाचल के राज्यपाल को हटाया जाए’

कांग्रेस मीडिया सेल के प्रमुख रणजीत सुरजेवाला ने एक ट्वीट में कहा कि कांग्रेस सरकार बहाल होगी. सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के फैसले को गैरकानूनी बताया है.

सुरजेवाला ने मांग की कि राज्यपाल को तत्काल प्रभाव से हटाया जाना चाहिए.

सिब्बल ने किया SC को सलाम

वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि कोर्ट ने अपने फैसले में संविधान की गरि‍मा और मर्यादा को बनाए रखा. इसका सम्मान किया जाना चाहिए.

‘लोगों को इसी फैसले की उम्मीद थी’

19 फरवरी को कई हफ्ते चली राजनीतिक उठा-पटक के बाद राज्यपाल राजखोवा ने कांग्रेस के बागी गुट के नेता कालि‍खो पुल को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई थी. उस वक्त कालिखो को बीजेपी के 11 विधायकों का समर्थन हासिल था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कालिखो सरकार संकट में आ गई है.

इसपर अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी ने भी एक ट्वीट किया और लिखा, ‘यह एक ऐतिहासिक और असाधारण फैसला है, जिसकी लोग उम्मीद कर रहे थे.’

दूसरी ओर बीजेपी ने साफ तौर पर अरुणाचल संकट को कांग्रेस की अंतर्कलह का नतीजा बताया और कहा कि समस्या कांग्रेस की ही देन थी.

हालांकि इस पूरे प्रकरण में उत्तराखंड के बाद अरुणाचल प्रदेश में भी कोर्ट द्वारा राष्ट्रपति शासन खारिज किए जाने से बीजेपी सरकार की काफी किरकिरी हुई है.

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