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MP में बेवकूफ बना रही BJP, न कैबिनेट न स्वास्थ्य मंत्रीः कमलनाथ

कमलनाथ ने कहा, सिर्फ शहरी इलाकों में कोरोना वायरस की टेस्टिंग हो रही है.

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मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमितों की बढ़ती संख्या को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार (12 अप्रैल) को प्रदेश की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने बीजेपी पर मध्य प्रदेश की जनता को बेवकूफ बनाने का आरोप लगाते हुये कहा कि राज्य में कोरोना संकट है और अब तक ना तो मंत्रिमंडल का गठन हुआ है, ना ही स्वास्थ्य मंत्री या गृह मंत्री का प्रभार किसी को दिया गया है. उन्होंने कहा कि दुनिया में कहीं और इस तरह का उदाहरण देखने को नहीं मिलेगा.

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कमलनाथ ने देश में कोरोना संकट के लिये बीजेपी की केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने बीजेपी पर यह आरोप भी लगाया कि मार्च में कोरोना संकट के दौरान संसद की कार्यवाही केंद्र सरकार ने महज इसलिये स्थगित नहीं होने दी जिससे मध्य प्रदेश की विधानसभा चलती रहे और उनकी अगुवाई वाली राज्य सरकार को गिराया जा सके.

‘‘जाहिर है कि संसद इसीलिये चल रही थी, ताकि मध्य प्रदेश विधानसभा चलती रहे और कांग्रेस की सरकार गिरायी जा सके.’’ 
कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री

'मेरे इस्तीफे के बाद सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया'

कमलनाथ ने कहा, मध्य प्रदेश इकलौती ऐसी जगह है जहां न तो स्वास्थ्य मंत्री है न ही गृह मंत्री. 12 मार्च को हमने कोरोना से एहतियातन कॉलेज, मॉल सभी जगहों पर लॉकडाउन कर दिया था. 16 मार्च को मेरे इस्तीफे के बाद केंद्र सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया था क्योंकि वे मध्य प्रदेश में सरकार गिराने का इंतजार कर रहे थे.

'केवल शहरी इलाकों में हो रही टेस्टिंग'

कमलनाथ ने कहा, सिर्फ शहरी इलाकों में कोरोना वायरस की टेस्टिंग हो रही है. मध्य प्रदेश में 10 लाख में से कुछ गिने चुने 20-25 लोगों की ही टेस्टिंग हो रही है. ग्रामीण इलाकों में कितनी टेस्टिंग हो रही है? जितना टेस्ट कम करो उतना कम कोरोना, जितने ज्यादा टेस्ट उतना ज्यादा कोरोना. उन्होंने कहा,

देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण हालात बहुत नाजुक हैं और अगर संक्रमण के परीक्षण का दायरा बढ़ा दिया जाये तो मरीजों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी होगी.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, कोरोना वायरस महामारी के कारण देश में गंभीर आर्थिक संकट की स्थिति है. इसके मद्देनजर केंद्र सरकार को आर्थिक पैकेज देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिये. इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि पैकेज को लागू कैसे किया जा रहा है और इसमें किन क्षेत्रों पर खास ध्यान दिया गया है.

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