26 मई को नरेंद्र मोदी सरकार के 4 साल पूरे होने जा रहे हैं. ऐसे में एबीपी न्यूज ने सीएसडीएस के साथ मिलकर सर्वे के जरिए जनता का मूड जानना चाहा. सर्वे के मुताबिक, अगर अभी चुनाव हुए तो NDA गठबंधन की सरकार बनने का अनुमान है लेकिन बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ सकता है, वहीं कांग्रेस फायदे में दिख रही है. CSDS के सर्वे में कई ऐसी बातें हैं जो प्रधानमंत्री मोदी और एनडीए गठबंधन की फिक्र बढ़ा सकती हैं.
सर्वे के मुताबिक,
- देश में ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा है जो नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार की वापसी नहीं चाहते.
- सर्वे में शामिल, हर 5 में से 2 से भी कम (39%) लोग ही मोदी सरकार की वापसी चाहते हैं, बाकियों ने अपनी राय नहीं दी. NDA के लिए ये आंकड़े उतने ही निराशाजनक हैं जितने 2014 लोकसभा चुनाव से करीब 9 महीने पहले कराए गए सर्वे में UPA के लिए थे.
- 2013 में 39 फीसदी लोग ही UPA को चांस देना चाहते थे, 30 फीसदी लोगों ने अपनी राय जाहिर नहीं की थी
- अल्पसंख्यक समुदाय में मोदी सरकार के खिलाफ काफी नाराजगी है. मुस्लिम समुदाय के करीब तीन चौथाई, ईसाई समुदाय के करीब 3/5 और सिख समुदाय के आधे से ज्यादा लोग मोदी सरकार को 2019 में सत्ता में देखना पसंद नहीं करते हैं.
- मोदी सरकार के लिए हिंदू समुदाय के वोटर बंटे हुए नजर आए. सर्वे में शामिल 44 फीसदी लोग मोदी सरकार के साथ हैं और 42 फीसदी लोग पसंद नहीं करते हैं.
- हिंदू समुदाय में दलित और आदिवासी समुदाय का बड़ा हिस्सा सरकार का विरोध करता नजर आया. 55 फीसदी दलित और 43 फीसदी आदिवासी मोदी सरकार के विरोध में नजर आए.
- लोकनीति-CSDS ने जब पिछले साल मई में ये सर्वे कराया था, तब 39 फीसदी वोटर बीजेपी के समर्थन में नजर आए थे. मई से जनवरी 2018 के बीच इस समर्थन में 5 फीसदी की गिरावट दिखी और अब फरवरी से मई के बीच और 2 फीसदी की गिरावट दिख रही है.
सर्वे का निष्कर्ष
इस सर्वे के मुताबिक, लोकसभा की कुल 543 सीटों पर एनडीए को 274 सीट, यूपीए को 164 सीट और दूसरी पार्टियों को 105 सीटें हासिल हो सकती है. ऐसे में 2014 के मुकाबले एनडीए को 49 सीटों का नुकसान हो सकता है, वहीं यूपीए को 104 सीट के फायदे का अनुमान है. वोट शेयर के लिहाज से एनडीए को 37%, यूपीए को 31% और अन्य को 32% वोट शेयर का अनुमान है. 2014 में एनडीए को 36%, यूपीए को 25% और अन्य को 39% वोट मिला था.
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