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अकेले यात्रा कर रही महिलाओं को ऑड/ईवन प्लान से मिल सकती है छूट

दिल्ली सरकार प्रदूषण से निपटने को शुरू किए जा रहे ऑड/ईवन प्लान में मरीजों, विकलांगों और महिलाओं को छूट दे सकती है.

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संकेत दिया है कि 1 जनवरी से लागू होने जा रहे ऑड/ईवन प्लान में महिलाओं को छूट मिल सकती है. इसके साथ ही इमरजेंसी व्हीकल्स को भी छूट मिल सकती है.

टेंशन-फ्री रहें महिलाएं

केजरीवाल सरकार अपनी ऑड/ईवन कार योजना में महिलाओं को राहत दे सकता है. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सीएम केजरीवाल से मुलाकात के दौरान महिलाओं और दोपहिया वाहन चालकों को इस प्लान से होने वाली दिक्कतों को लेकर चिंता व्यक्त की.

इसके बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल ने संकेत दिया है कि महिलाओं को इस प्लान में छूट मिल सकती है. हालांकि, ये छूट कामकाजी महिलाओं और अकेले गाड़ी ड्राइव कर रही महिलाओं के लिए ही होने की संभावना है. क्योंकि अगर महिला के साथ गाड़ी में बैठे पुरुष को छूट मिलती है तो इस छूट का दुरुपयोग होने की संभावना है.

मरीजों और विकलांगों को भी मिल सकती है छूट

अरविंद केजरीवाल के साथ हुई चर्चा में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मरीजों, विकलांग व्यक्तियों और कामकाजी महिलाओं के वाहन में जाने तथा दो पहिया वाहनों जैसे मुद्दों को लेकर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि दो पहिया वाहन सामान्यतः लोगों को शहर के उन हिस्सों तक पहुंचाने में सहायक होते हैं जहां तक पहुंचना काफी मुश्किल होता है.

गृहमंत्री ने कहा है कि केंद्र और दिल्ली पुलिस इस कदम का पूरा सहयोग करेगी. उन्होंने कुछ चिंताएं व्यक्त कीं. उन्होंने मरीज ले जाने वाले वाहनों, महिला द्वारा चलाये जा रहे वाहनों और अन्य आपात स्थितियों को छूट जैसी कुछ बातें रखीं. इस संबंध में कुछ किया जाना है. गृहमंत्री की ओर से दो-तीन सुझाव दिए गए हैं. हम उन पर विचार करेंगे और छूट दी जा सकती है.
अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री, दिल्ली

केजरीवाल ने दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाये जाने का भी मुद्दा भी उठाया जिस पर सिंह ने उन्हें सहयोग का आश्वासन दिया.

हम सीसीटीवी कैमरों के सिलसिले में भी पुलिस की मदद की जरुरत होगी क्योंकि अंतत: फीड तो उन्हीं के पास जाएगी. यह मुद्दा अभी दिल्ली उच्च न्यायालय में है और अनावश्यक चर्चा हो रही है. हम इसका भी हल ढूंढ लेंगे.
अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री, दिल्ली

बेहतर स्वास्थ्य के लिए ठोस कदम जरूरी

जब केजरीवाल से पूछा गया कि क्या उनकी सरकार आलोचना के कारण इस योजना को शिथिल बना रही है क्योेंकि यह अच्छी तरह तैयार योजना नहीं है. इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास एक विकल्प था कि हम अगले दो सालों तक होमवर्क करते रहते जबकि बच्चे मरते रहते और खांसते रहते. मुझे भी खांसी होती रहेगी. दूसरा विकल्प ठोस निर्णय लेना और मुद्दे का हल निकालना था.”

केजरीवाल ने कहा, ‘‘15 दिनों के लिए प्रयोग कीजिए, उससे सीख लीजिए और फिर उसे कीजिए. यहां मुद्दा ही क्या है?’’

शामिल हो सकती हैं स्कूल बसें

केजरीवाल अपने सभी मंत्रिमंडलीय सहयोगियों, परिवहन, पर्यावरण, लोकनिर्माण और राजस्व विभागों के अधिकारियों के साथ कल समीक्षा बैठक करेंगे. दिल्ली सरकार यह पता लगाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी के विद्यालयों के प्रमुखों के साथ भी एक बैठक कर सकती है कि क्या स्कूल बसों को भी इस मिशन में साथ लाया जा सकता है.

कल परिवहन मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि सरकार 25 दिसंबर तक विस्तृत ब्लूप्रिंट के साथ सामने आएगी जो विशेषज्ञों एवं आम लोगों द्वारा इस योजना पर उठाये जा रहे सभी सवालों का जवाब देगा.

(एजेंसी इनपुट्स समेत)

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