दिल्ली कैबिनेट (Delhi Cabinet) ने 3 अगस्त को केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित सीमा तक दिल्ली के विधायकों के वेतन वृद्धि को मंजूरी दे दी है. दिल्ली कैबिनेट की मंजूरी के बाद यह ड्राफ्ट बिल दिल्ली विधानसभा में रखने जाने से पहले केन्द्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. इसके बाद विधायकों को प्रतिमाह ₹30 हजार का बेसिक वेतन और भत्तों को मिलाकर कुल 90 हजार रुपये वेतन के तौर पर मिलेगा.
इस फैसले को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि,
"दिल्ली कैबिनेट ने आज 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के मंत्रियों के वेतन और भत्ते (संशोधन) विधेयक, 2021 और 'विधायक/ स्पीकर-डिप्टी स्पीकर /चीफ व्हिप/ विधानसभा में विपक्ष के नेता (संशोधन) विधेयक, 2021 को मंजूरी दे दी है"
दिल्ली कैबिनेट के प्रस्ताव को पहले केंद्र ने किया था खारिज
हालांकि यह पहली दफा नहीं है जब केजरीवाल कैबिनेट ने विधायकों के वेतन भत्ते में वृद्धि को लेकर प्रस्ताव को मंजूरी दी है. दिल्ली सरकार ने विधायकों के वेतन को बढ़ाकर ₹54 हजार करने का प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा था लेकिन गृह मंत्रालय ने उसकी अधिकतम सीमा ₹30 हजार तय कर दी.
"अब दिल्ली के विधायकों के वेतन और भत्ते को मिलाकर गृह मंत्रालय ने ₹90 हजार तक सीमित कर दिया है."मुख्यमंत्री कार्यालय
दिल्ली के विधायकों का सबसे कम वेतन- केजरीवाल सरकार
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वेतन सीमा के मुताबिक ही प्रस्ताव को मंजूरी दी और कहा कि दिल्ली के विधायक सबसे कम वेतन पाने वाले विधायकों में से हैं.
"बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के पिछले प्रस्ताव को रोक दिया था और विधायकों के वेतन को केवल ₹30 हजार तक सीमित कर दिया. जबकि दिल्ली में रहने की लागत में काफी वृद्धि हुई है"मुख्यमंत्री कार्यालय
इसमें आगे कहा गया कि दिल्ली के विधायकों का वेतन 2011 से नहीं बढ़ा है और दिल्ली सरकार ने गृह मंत्रालय से अनुरोध किया था कि दिल्ली के विधायकों का वेतन अन्य राज्यों के विधायकों के बराबर हो. मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार बीजेपी और कांग्रेस के नेतृत्व वाले राज्यों के विधायक दिल्ली के विधायकों को मिलने वाले वेतन भत्ते से लगभग 2 गुना अधिक कमाते हैं.
" कई बीजेपी शासित राज्य अपने विधायकों को दिल्ली के विधायकों के लिए प्रस्तावित वेतन और भत्ते का डेढ़ से दोगुना अधिक देते हैं- उत्तराखंड (1.98 लाख), हिमाचल प्रदेश (1.9 लाख), हरियाणा (1.55 लाख), बिहार (1.3 लाख).अन्य दल भी अपने विधायकों को बहुत अधिक वेतन देते हैं जैसे राजस्थान में कांग्रेस (1.42 लाख) और तेलंगाना में YSR कांग्रेस (2.5 लाख). "मुख्यमंत्री कार्यालय
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