दिल्ली एमसीडी चुनाव 2022 (Delhi MCD Chunav 2022) में आम आदमी पार्टी ने बहुमत का आंकड़ा पार कर जीत दर्ज कर ली है. दिल्ली चुनाव आयोग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, एमसीडी चुनावों में AAP 126 के बहुमत के आंकड़े तक पहुंच गई है, बीजेपी ने 97 वार्डो में जीत दर्ज की है.
लेकिन 2017 से 2022 के बीच हुए एमसीडी, विधानसभा और लोकसभा के वोटिंग पर्सेंटेज के क्या मायने हैं ये समझते हैं.
बीजेपी का फिक्स वोटर?
2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों को हटा दें को दिल्ली में बीजेपी का वोटर फिक्स ही रहा है. मसलन 2017 के एमसीडी चुनाव, 2020 के विधानसभा चुनाव और 2022 के एमसीडी चुनाव के नतीजे देखे तो बीजेपी का वोटिंग पर्सेंट 3% बढ़ा है.
पीएम मोदी की लोकप्रियता, दिल्ली में हुए दंगे, शाहीन बाग वाले मामले, पिछले सालों में बहुत कुछ घटा लेकिन बीजेपी के वोटिंग पर्सेंट में कोई कमी नहीं आई.
2017 एमसीडी चुनाव में बीजेपी का वोट शेयर 36% था, फिर 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनाव हुए तो वोट शेयर बढ़कर 39% हुआ और अब 2022 एमसीडी चुनाव में भी 39% वोट शेयर ही है.
AAP ने अन्य पार्टियों के वोट शेयर में सेंध लगाकर मारी छलांग?
दिल्ली में झाड़ू ने कई अन्य पार्टियों की विधानसभा सीटें और वार्डो की सफाई कर दी है. आम आदमी पार्टी के वोट शेयर में बड़ी छलांग 2015 के विधानसभा चुनाव के बारे में याद दिलाती है जब पहली बार आम आदमी पार्टी ने चुनाव लड़ा था और 28 सीटों पर जीत दर्ज करने बाद कांग्रेस से गठंधन तोड़ कर फिर चुनाव लड़ा था. तब केजरीवाल की पार्टी ने बड़ी छलांग मार कर 67 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
अगर आंकड़ों पर नजर डाले तो 2017 एमसीडी के चुनाव में AAP का वोट शेयर 26% था फिर जब 2020 विधानसभा के चुनाव हुए तो AAP का वोट शेयर बढ़कर 54% पर पहुंचा और 2022 एमसीडी चुनाव में AAP को 42% वोट मिला.
AAP का लगातार बढ़ता वोट शेयर और बीजेपी का फिक्स वोटर बताता है कि आम आदमी पार्टी को अन्य पार्टी जैसे कांग्रेस, बीएसपी और निर्दलीयों का वोट मिला है.
खराब प्रदर्शन करती कांग्रेस के लिए खुशखबरी?
कांग्रेस को हर तरफ लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है. एग्जिट पोल के अनुसार गुजरात में भी पार्टी हार रही है. दिल्ली में एक समय पर राज करने वाली कांग्रेस को आज वोट के लिए तरस गई. पिछले एमसीडी के चुनाव हो या 2020 का दिल्ली विधानसभा चुनाव कांग्रेस का बेहाल ही है.
2017 एमसीडी चुनाव में कांग्रेस को 26% वोट शेयर मिला था. इस बार पार्टी के वोट शेयर में और बड़ी कमी आई है और इसे 12% वोट ही नसीब हुआ. 2020 दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर 4% पर आ कर गिर गया था.
लेकिन इन आंकड़ों पर गौर करें तो कांग्रेस के लिए एक बात अच्छी भी है. 2020 दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर केवल 4% था, इससे साफ जाहिर हो रहा है कि कांग्रेस को लेकर दिल्ली में तब कोई माहौल नहीं था लेकिन 2022 के एमसीडी चुनाव में पार्टी का वोट शेयर 12% है और यही पार्टी के लिए अच्छी बात है.
यूपी में BSP का वोट शेयर बीजेपी को मिला, दिल्ली में AAP को?
उत्तर प्रदेश में बीएसपी कहीं नजर नहीं आई, दिल्ली में भी बीएसपी का यही हाल रहा. यूपी में बीएसपी का सारा वोट बीजेपी को शिफ्ट हो गया.
बीएसपी को पिछले एमसीडी चुनाव में 5% वोट मिला था फिर 2020 दिल्ली विधानसभा चुनाव में 0.4% वोट और इस चुनाव में बीएसपी को 2% वोट मिला. जाहिर है बीएसपी का वोट शेयर इस बार आम आदमी पार्टी को मिला है.
निर्दलीयों को हुआ बड़ा नुकसान?
किसी भी नगर पालिका/नगर निगम के चुनाव में निर्दलीयों की संख्या अच्छी होती है. पिछले एमसीडी चुनाव में निर्दलीयों का वोट शेयर 0.8% रहा लेकिन इस चुनाव में ये वोट शेयर गिर कर 0.3% रह गया है. यानी निर्दलीयों का वोट भी खिसक कर आम आदमी पार्टी को मिल गया है.
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