छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल के गठन के बाद अब विभागों का बंटवारा भी हो गया है. गुरुवार को मुख्यमंत्री बघेल समेत सरकार के सभी 12 मंत्रियों को उनके विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सामान्य प्रशासन, वित्त, ऊर्जा, खनन, जनसंपर्क, इलेक्ट्रॉनिकी और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी विभाग अपने पास रखा है.
वहीं, टीएस सिंह देव को पंचायत और ग्रामीण विकास, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभाग दिए गए हैं.
- भूपेश बघेल, मुख्यमंत्रीः सामान्य प्रशासन, वित्त, ऊर्जा, खनन, जनसंपर्क, इलेक्ट्रॉनिक, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और अन्य विभाग जो किसी मंत्री को आवंटित ना हों.
- टीएस सिंह देवः पंचायत और ग्रामीण विकास, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी, बीससूत्रीय, वाणिज्यक कर(जीएसटी)
- ताम्रध्वज साहूः लोक निर्माण, गृह, जेल, धर्मस्व, पर्यटन और संस्कृति
- रविंद्र चौबेः संसदीय कार्य, विधि और विधायी कार्य, कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी, पशुपालन, मछली पालन, जल संसाधन और आयाकट
- मोहम्मद अकबरः परिवहन विभाग, आवास एवं पर्यावरण, वन विभाग, खाद्य और नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता संरक्षण विभाग
- उमेश पटेलः उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा कौशल विकास और जनशक्ति नियोजन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, खेल और युवा कल्याण विभाग
- जयसिंह अग्रवालः राजस्व और आपदा प्रबंधन, पुनर्वास, पंजीयन और स्टाम्प
- अनिला भेड़ियाः महिला और बाल विकास, समाज कल्याण
- शिव डहरियाः नगरीय प्रशासन और विकास और श्रम
- गुरु रुद्र कुमारः लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और ग्रामोद्योग
- प्रेमसाय सिंह टेकामः स्कूल शिक्षा, अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण, सहकारिता
- कवासी लखमाः वाणिज्यिक कर (आबकारी), उद्योग
बघेल सरकार में हैं 12 मंत्री
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में जीत के बाद भूपेश बघेल ने इसी महीने की 17 तारीख को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. इस दौरान दो वरिष्ठ नेताओं... अंबिकापुर सीट से विधायक टीएस सिंहदेव और दुर्ग ग्रामीण सीट से विधायक ताम्रध्वज साहू ने मंत्री पद की शपथ ली थी.
69 वर्षीय ताम्रध्वज साहू इस मंत्रिमंडल के सबसे वरिष्ठ सदस्य हैं. सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नए मंत्रियों को लेकर कयास लगाए जा रहे थे. हालांकि बघेल ने साफ किया था कि उनके मंत्रिमंडल में वरिष्ठ और अनुभवी विधायकों को जगह दी जाएगी. यही कारण है कि पहली बार चुने गए विधायकों को इसमें जगह नहीं दी गई है.
छत्तीसगढ़ कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत 13 सदस्य हो सकते हैं. 9 विधायकों द्वारा मंत्री पद की शपथ लेने के बाद यह संख्या 12 हो गई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक, जल्द ही 13 वें सदस्य का फैसला किया जाएगा.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)