मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने मध्य प्रदेश के पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) के खिलाफ "मई 2019 में ट्विटर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी का मनगढ़ंत वीडियो" डालने के लिए एफआईआर दर्ज करने के लिए लिखा है.
दिनभर चला एफआईआर का दौर
दिग्विजय सिंह ने अपने पत्र में कहा है कि 16 मई 2019 को शिवराज सिंह चौहान ने राहुल गांधी का मनगढ़ंत वीडियो पोस्ट किया था. उन्होंने कहा, "कानून सभी के लिए समान है."
इससे पहले कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ ट्विटर पर एक पोस्ट के लिए एफआईआर दर्ज की गई है, वो ट्विटर पोस्ट सही नहीं थी. दिग्विजय सिंह के खिलाफ यह एफआईआर भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए), 295 (ए), 465 और 505 (2) के तहत दर्ज की गई है.
दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश के खरगोन इलाके में हिंसा का जिक्र करते हुए कुछ युवकों को एक मस्जिद में भगवा झंडा लहराते हुए एक तस्वीर पोस्ट की थी. बाद में उन्होंने अपने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया था.
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के ऊपर जिस ट्वीट को लेकर एफआईआर हुई है उसमें उन्होंने लिखा था कि, "क्या किसी धार्मिक स्थान पर तलवार और लाठी लेकर झंडा लगाना उचित है? क्या खरगोन प्रशासन ने हथियार ले जाने वाले जुलूस की अनुमति दी थी? क्या धर्म के बावजूद पत्थर फेंकने वालों के घरों पर बुलडोजर चलेंगे? मत भूलना शिवराज जी, आपने सरकार को निष्पक्ष तरीके से चलाने की शपथ ली है," दिग्विजय सिंह ने एक तस्वीर के साथ ट्वीट किया था.
उधर पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ विधायक/एमएलसी अदालत में आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया है.
सुशील मोदी ने कर्नाटक में 2019 में चुनावी भाषण के लिए राहुल गांधी पर आरोप लगाए हैं, जहां राहुल गांधी ने कहा तह कि सभी मोदी चोर हैं.
घटना मध्यप्रदेश के खरगोन की नहीं थी इसलिए दिग्विजय सिंह का यह ट्वीट फर्जी साबित हुआ और बीजेपी नेताओं ने उनपर एफआईआर दर्ज करा दी.
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