आम बजट से ठीक एक दिन पहले मोदी सरकार की तरफ से संसद में आर्थिक सर्वे पेश किया गया. मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन ने संसद में आर्थिक सर्वे पेश किया. आर्थिक सर्वे में आने वाले वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ रेट 7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया. इसके अलावा आने वाले साल में राजकोषीय घाटे में कमी, तेल की कीमतों में गिरावट और आर्थिक विकास दर का अनुमान लगाया गया.
मायावती बोलीं, कागजी दावों से कैसे होगा हित?
मायावती ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा, ‘विकास दर की बडे़-बड़े दावों से देश के 130 करोड़ गरीबों, मजदूरों, किसानों, बेरोजगारों आदि का अबतक सही भला नहीं हो पाया है बल्कि इनकी दिन-प्रतिदिन की समस्याएं अनवरत गंभीर होती जा रही हैं जो अति-दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण है. केवल कागजी दावों से जनता का हित व कल्याण कैसे संभव है?’
आर्थिक सर्वे में नहीं गंभीर समस्याएं: मायावती
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने आर्थिक सर्वे को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘लोगों को हसीन सपने दिखाना परन्तु उस हिसाब से काम नहीं करना व भावनाएं भड़काकर राजनीतिक रोटी सेंकना बीजेपी की विशेषता रही है. आज पेश आर्थिक सर्वेक्षण भी प्रमाणित करता है कि गरीबी, बेरोजगारी, किसान आत्महत्या आदि की गंभीर समस्याओं के मामले में यह सरकार उदासीन व लापरवाह रही है’
चुनाव की वजह से कम ग्रोथ
आर्थिक सर्वे 2019 में कहा गया है कि चुनाव को लेकर अनिश्चितता की वजह से जीडीपी ग्रोथ पर असर पड़ा है. जनवरी से मार्च तिमाही में जीडीपी ग्रोथ में आई कमी को लेकर ये अनुमान लगाया गया है.
लोकसभा में भी पेश हुआ आर्थिक सर्वे
आर्थिक सर्वे 2019 राज्यसभा के बाद अब लोकसभा में भी पेश हो चुका है. इससे पहले इसे केंद्र सरकार की तरफ से राज्यसभा में पेश किया गया था.