ADVERTISEMENTREMOVE AD

'सामना' में नारायण राणे पर अटैक, गैंगस्टर जैसा बर्ताव कर रहे हैं केंद्रीय मत्री

शिवसेना के मुखपत्र सामना की संपादकीय में नारायण राणे पर हमला

Published
'सामना' में नारायण राणे पर अटैक, गैंगस्टर जैसा बर्ताव कर रहे हैं केंद्रीय मत्री
i
Like
Hindi Female
listen

रोज का डोज

निडर, सच्ची, और असरदार खबरों के लिए

By subscribing you agree to our Privacy Policy

शिवसेना के मुखपत्र सामना में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) पर खूब हमला बोला गया है. बता दें कि सीएम उद्धव ठाकरे पर बयान देने को लेकर महाराष्ट्र में खलबली मची है, यहां तक कि नारायण राणे की गिरफ्तारी भी हुई हांलाकि उन्हें जल्द ही जमानत भी मिल गई. सामना के संपादकीय में लिखा है-

नारायण राणे कभी महान या कर्तव्यनिष्ठ नहीं थे, शिवसेना में रहते हुए उनका नाम हुआ. वह भी सत्ता की सीढ़ियां तेजी से चढ़ने के चलते ही. यह सब शिवसेना इन चार अक्षरों की कमाई. राणे द्वारा शिवसेना छोड़ने के बाद शिवसेना ने उन्हें लोकसभा और विधानसभा मिलाकर चार बार बुरी तरह से पराजित किया, इसलिए राणे का अगर थोड़े में वर्णन करना है तो छेद पड़े गुब्बारे जैसा किया जा सकता है. इस गुब्बारे में कितनी भी हवा भरकर उसे फुलाया जाए तब भी वो ऊपर नहीं जाएगा. लेकिन बीजेपी ने इस छेद पड़े गुब्बारे को फुलाकर दिखाना तय किया है. राणे को कुछ लोग टर्र-टर्र करनेवाले मेंढक की भी उपमा देते हैं. राणे मेंढक हों या छेद पड़ा गुब्बारा लेकिन राणे कौन?
ADVERTISEMENTREMOVE AD

एडिटोरियल में आगे लिखा है- ये उन्होंने स्वयं ही घोषित किया, ‘मैं नॉर्मल इंसान नहीं’, ऐसा उन्होंने घोषित किया. फिर वे अ‍ॅबनॉर्मल हैं क्या ये जांचना होगा. श्री मोदी के कैबिनेट में राणे अति सूक्ष्म विभाग के लघु उद्योग मंत्री हैं. प्रधानमंत्री स्वयं को अत्यंत ‘नॉर्मल’ इंसान मानते हैं, वे स्वयं को फकीर या प्रधान सेवक मानते हैं, ये उनकी विनम्रता है. लेकिन राणे कहते हैं, ‘मैं नॉर्मल नहीं, इसलिए कोई भी अपराध किया तो मैं कानून के ऊपर हूं.’ राणे और संस्कार का संबंध कभी भी नहीं था, इसलिए केंद्रीय मंत्री पद का चोला ओढ़कर भी राणे ये किसी छपरी गैंगस्टर जैसा बर्ताव कर रहे हैं.

भारतीय जनता पार्टी का फिलहाल जो कायाकल्प शुरू है उससे इस नवनिर्मित राणे जैसों को मान-सम्मान मिल रहा है, इसीलिए ही ‘नॉर्मल’ नहीं राणे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को ‘मारपीट’ करने की बेलगाम भाषा कही है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के संदर्भ में ये भाषा इस्तेमाल करना मतलब 105 हुतात्माओं की भावनाओं को लात मारने जैसा ही है. राणे ने महाराष्ट्र को लात मारी और उनके नए नेता देवेंद्र फडणवीस और चंद्रकांत पाटील राणे के बेलगाम वक्तत्व का समर्थन कर रहे हैं, राणे को ऐसा बोलना नहीं चाहिए था, ऐसी लीपापोती करने लगे हैं.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

सामना में फड़णवीस पर भी वार

सामना में फड़णवीस पर वार करते हुए लिखा है- 'फड़णवीस-पाटिल के गले में राणे नाम का फटा हुआ गुब्बारा अटक गया है. इसलिए कहा भी नहीं जा सकता है, सहा भी नहीं जा सकता, ऐसी उनकी अवस्था हो गई है. ऐसे समय में संस्कारी राजनीतिज्ञ महाराष्ट्र से माफी मांगकर छूट गए होते. क्योंकि महाराष्ट्र की अस्मिता के सामने कोई भी बड़ा नहीं है. पर बीजेपी के लिए महाराष्ट्र की अस्मिता और मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा यह गौण विषय है. महाराष्ट्र में फिलहाल भाजपा के केंद्रीय मंत्रियों का जनआशीर्वाद नाम की महामारी का फेरा शुरू है. वो मजाक का ही विषय बन गया है''

एक मंत्री दानवे, राहुल गांधी पर टिप्पणी करने के चक्कर में मोदी को ही बैल की उपमा देकर गए, तो दूसरे सूक्ष्म विभाग के लघु उद्योग मंत्री शिवसेना व मुख्यमंत्री ठाकरे पर जैसा चाहिए वैसी बेलगाम भाषा बोल रहे हैं. ‘महाराष्ट्र के प्रशासनिक अधिकारियों को दमबाजी करते हुए ‘तुझा मुख्यमंत्री गेला उडत’ ऐसा वक्तत्व खुलेआम कर रहा है. ‘महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के कान के नीचे बजाऊंगा.’ इस भाषा में नारायण राणे ने मुख्यमंत्री इस संस्था का उद्धार किया है. मुख्यमंत्री पद ये व्यक्ति नहीं संविधान व संसदीय लोकतंत्र के कवच वाली संस्था है. तुम व्यक्ति पर टिप्पणी करो. तुम्हारे भौंकने की ओर कोई मुड़कर भी नहीं देखेगा. लेकिन राज्य का नेतृत्व करनेवाले नेता पर शारीरिक हमला करने की भाषा करनेवाला इंसान महाराष्ट्र की मिट्टी में समा जाए, ऐसी वेदना सभी की है. ऐसे निकम्मे को भारतीय जनता पार्टी द्वारा ‘गोद’ में लेना ये उनके संस्कार का अधोपतन है
ADVERTISEMENTREMOVE AD

शरद पवार का जिक्र करते हुए आगे लिखा है- 'शरद पवार जैसे लोकप्रिय नेता पर निचले स्तर की भाषा में टिप्पणी करनेवाले लोग भी बीजेपी ने उधारी पर लिया है और ये लोग पवार पर भी अनर्गल हमला कर रहे हैं, एक बंदर के हाथ में दारू की बोतल थी. अब दूसरा बंदर भी बोतल लेकर कूद रहा है'. केंद्रीय मंत्री नारायण राणे द्वारा मुख्यमंत्री ठाकरे पर शारीरिक हमला करने की भाषा करने से महाराष्ट्र के संयम का बांध टूट गया है. इस मामूली व्यक्ति को शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद तक पहुंचाया, सर्वोच्च पद दिया, लेकिन बाद में ये महाशय शिवसेना की पीठ में खंजर घोंपकर चला गया.'

शिवसेना छोड़कर 20 साल बीत गए फिर भी इस महाशय का शिवसेना द्वेष का तुनतुना शुरू ही है. इस काल में उसने गिरगिट को भी शर्म आए, ऐसा रंग बदला. उसका मकसद एक ही, वो मतलब शिवसेना और ठाकरे पर कीचड़ उछालना. इस कीचड़ उछालने के ‘इनाम’ के रूप में महाशय को सूक्ष्म उद्योग का मंत्री पद बीजेपी ने केंद्र में दिया है, वो विभाग इतना सूक्ष्म है कि लालबत्ती की गाड़ी के सिवा हाथ में कुछ लगा नहीं. इसलिए शिवसेना पर भौंकने का पुराना धंधा उसने शुरू रखा है.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

सामना में आगे लिखा है- महाराष्ट्र की राजनीति और सामाजिक वातावरण गंदा करने का काम बीजेपी ने शुरू किया है, राणे जैसे लोग आघाड़ी सरकार की स्थापना होने के बाद से रोज ही ठाकरे सरकार गिराने व गिराने की तारीख दे रहे थे. लेकिन सरकार दो साल का कालखंड पूरा कर रही है और संकट के समय भी सरकार लोकप्रिय साबित हुई है.

देश के पहले पांच कार्य सम्राट मुख्यमंत्रियों में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री आए इसकी खुशी सभी को है. लेकिन बीजेपी के बाहरी और धर्मांतरित काबुल में तालिबानी विकृति की तरह मारामारी की भाषा करने लगे हैं, शिवसेना भवन पर हमला करने की डींग हवा में मिश्रित हो रही थी तभी कणकवली के चारों खाने चित नेताओं ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पर हाथ डालने की भाषा की है. बीजेपी के हाथ से महाराष्ट्र की सत्ता जाने का जिक्र करते हुए लिखा है-

महाराष्ट्र की सत्ता हाथ से जाने के बाद से ही बीजेपी वालों का दिमाग बेकाम हो गया है. उनका बढ़-चढ़कर बोलना शुरू ही है, इस बड़बोलेपन की ओर जनता के ध्यान न देने के चलते ‘महात्मा’ नारोबा जैसे किराए के लोग शिवसेना पर छोड़े जा रहे हैं. इन किराए के लोगों ने ही बीजेपी को ही नंगा करके छोड़ दिया है और अब मुंह छिपाकर घूमने की नौबत उन पर आ गई है. केंद्रीय मंत्री नारोबा राणे ने शपथ ग्रहण करने के बाद से जो दीप जलाया वो अक्ल चलाई है उससे केंद्रीय सरकार की गर्दन शर्म से झुक गई है.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

सामना में लिखा है- प्रधानमंत्री के संदर्भ में कोई ऐसा विधान किया होता तो उसे देशद्रोह का आरोप लगाकर जेल में ठूंस दिया होता. ‘नारोबा’ राणे का गुनाह उसी तरह का है. महाराष्ट्र में कानून का ही राज्य है और एक मर्यादा के बाहर जाकर इस बेलगाम बादशाह को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इस कृत्य को दिखा देना यही वो समय है. भारतीय जनता पार्टी को इस बेलगाम बादशाह की बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी. प्रधानमंत्री मोदी ये बेलगाम सहन नहीं करेंगे.

मुख्यमंत्री पर हाथ डालने की भाषा बोलनेवाला कोई भी हो. उनका हाथ फिलहाल तो कानूनी मार्ग से उखड़े तो ही अच्छा! प्रधानमंत्री मोदी को केवल मारने की साजिश रचने (?) के आरोप में कुछ विचारवानों को फडणवीस सरकार ने जेल में सड़ाया है. यहां ‘नारोबा’ राणे ने मुख्यमंत्री को मारने की ही सुपारी लेने का दिख रहा है. अब सुपारीबाजों की महाराष्ट्र में आरती उतारें क्या?

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
और खबरें
×
×