एल्गार परिषद मामले (Elgar Parishad case) में आरोपी मानवाधिकार कार्यकर्ता और पत्रकार गौतम नवलखा (Gautam Navlakha) की जमानत याचिका गुरुवार को एक विशेष अदालत ने खारिज कर दी. थी.
नवलखा की पिछली जमानत याचिका पिछले साल सितंबर में खारिज होने के बाद उन्होंने बाॅम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) में अपील दायर की थी. पिछले महीने उच्च न्यायालय ने विशेष अदालत को नए सिरे से सुनवाई करने का आदेश दिया था. इस दौरान हाई कोर्ट ने कहा था कि इसमें अभियोजन पक्ष द्वारा आधारित सबूतों के विश्लेषण पर विचार नहीं किया गया है. इसके बाद विशेष अदालत ने पिछले महीने नवलखा की जमानत याचिका पर नए सिरे से सुनवाई की
गौतम नवलखा को अगस्त 2018 में गिरफ्तार किया गया था. अप्रैल 2020 में मुंबई के पास तलोजा जेल में रखा गया था. और पिछले साल नवंबर से वह महाराष्ट्र के ठाणे जिले की नवी मुंबई में है.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA ने अपने विशेष लोक अभियोजक प्रकाश शेट्टी के माध्यम से नवलखा की जमानत याचिका का विरोध किया था. NIA ने आरोप लगाया था कि वह प्रतिबंधित CPI (Maoist) के सदस्य हैं और उनके पास समूह से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज हैं. हालांकि नवलखा ने CPI से जुड़े संबंधों को नकारा था.
केंद्रीय एजेंसी ने यह भी दावा किया था कि उन्होंने शहरी कैडरों और अंडरग्राउंड लीडर्स के बीच नियुक्तियां तय करने में मदद की थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि गुलाम नबी फई द्वारा आयोजित कश्मीर अमेरिकन काउंसिल को संबोधित करने के लिए नवलखा अमेरिका गए थे. गुलाम नबी फई को एफबीआई ने 2011 में पाकिस्तान की आईएसआई से धन के हस्तांतरण को छिपाने के लिए गिरफ्तार किया था.
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