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इमरजेंसी को लेकर ट्विटर पर घमासान,शाह ने बताया ‘लोकतंत्र की हत्या’

कई नेताओं ने इमरजेंसी को लेकर किए ट्वीट

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देश में आज 44 साल पहले इमरजेंसी लागू की गई थी. इंदिरा गांधी के शासनकाल में 25 जून 1975 को देशभर में इमरजेंसी लागू हुई. इसकी बरसी के मौके पर आज देशभर में इमरजेंसी को याद किया जा रहा है. बीजेपी जहां एक बार फिर कांग्रेस को घेरने में जुटी है, वहीं ममता बनर्जी जैसी नेता ने मोदी सरकार के कार्यकाल को सुपर इमरजेंसी बता दिया है.

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पीएम मोदी ने वीडियो किया शेयर

पीएम मोदी ने इमरजेंसी की बरसी के मौके पर एक वीडियो शेयर कर इसे याद किया. उन्होंने खुद का संसद में दिया एक भाषण भी इस वीडियो में लगाया. जिसमें पीएम मोदी कह रहे हैं कि, आपातकाल में क्या कुछ जुल्म नहीं हुए, इससे बड़ी धमकियां क्या होती हैं? लेकिन ये देश झुका नहीं था. अपने इस वीडियो में पीएम मोदी कह रहे हैं,

25 जून 1975 एक ऐसी काली रात थी, जिसे कोई भी लोकतंत्र प्रेमी भुला नहीं सकता है. एक प्रकार से देश को जेलखाने में बदल दिया गया था. विरोधी स्वर को दबा दिया गया था. जय प्रकाश नारायण जैसे नेताओं को बंद कर दिया गया था. न्याय व्यवस्था भी आपातकाल के भयावह रूप की छाया से बच नहीं पाई थी. अखबारों को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया गया था. लोकतंत्र को आघात करने वाली बातों को भी याद करना होता है.

अमित शाह ने बताया, लोकतंत्र की हत्या

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट कर इमरजेंसी को याद किया. उन्होंने इसे लोकतंत्र की हत्या बताया. उन्होंने अपनी पोस्ट में उस दौर के एक अखबार की हेडलाइन भी शेयर की है, जिसमें लिखा गया है, इमरजेंसी घोषित- जेपी, मोरारजी, आडवाणी, अशोक मेहता और वाजपेयी गिरफ्तार. अमित शाह ने अपनी इस पोस्ट मे लिखा है -

‘1975 में आज ही के दिन मात्र अपने राजनीतिक हितों के लिए देश के लोकतंत्र की हत्या की गयी. देशवासियों से उनके मूलभूत अधिकार छीन लिए गए, अखबारों पर ताले लगा दिए गए. लाखों राष्ट्रभक्तों ने लोकतंत्र को पुनर्स्थापित करने के लिए अनेकों यातनाएं सहीं. मैं उन सभी सेनानियों को नमन करता हूं’
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ममता बोलीं, पिछले पांच साल में सुपर इमरजेंसी लागू

टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने इमरजेंसी के बहाने मोदी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘आज 1975 में लागू की गई इमरजेंसी की सालगिरह है. लेकिन पिछले पांच साल में देश सुपर इमरजेंसी से गुजरा है. हमें अपने इतिहास से सबक जरूर लेना चाहिए और देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं की सुरक्षा के लिए लड़ना चाहिए.

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राजनाथ बोले, भारत के इतिहास का काला दिन

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इमरजेंसी को याद करते हुए ट्वीट किया और इसे भारत के इतिहास का काला दिन बताया. उन्होंने लिखा, ‘25 जून 1975 को आपातकाल की घोषणा और इसके बाद की घटनाएं, भारत के इतिहास में सबसे काला अध्याय है. इस दिन हम भारतीयों को अपनी संस्थाओं और संविधान के महत्व को याद करना चाहिए.’

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केंद्रीय खेल मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) किरेन रिजुजू ने आधी रात को ट्वीट कर इमरजेंसी को याद किया. उन्होंने लिखा, 'आज आधी रात को मैं अपना समय स्वतंत्रता के लिए समर्पित करूंगा क्योंकि 25 जून 1975 आधी रात को भारत में आपातकाल लगाया गया था तथा लोकतंत्र की हत्या उस क्षण हुई थी'

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