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लखीमपुर में महिला से बदसलूकी मामले में FIR, आरोपी गिरफ्तार,CO-SHO समेत 6 सस्पेंड

8 जुलाई को यूपी में ब्लॉक प्रमुख के नामांकन के दौरान अलग-अलग जिलों से हिंसा की खबरें सामने आई थीं.

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8 जुलाई को यूपी में ब्लॉक प्रमुख के नामांकन के दौरान अलग-अलग जिलों से हिंसा की खबरें सामने आई थीं. इसी तरह के एक मामले में लखीमपुर में महिला से अभद्रता का वीडियो सामने आया था. नामांकन के लिए जा रही महिला की साड़ी खींची गई. महिला का आरोप है कि उनका पर्स छीन लिया गया और कपड़े फाड़े गए, पुलिस वहां मौजूद थी लेकिन बचाने की कोशिश नहीं की गई. अब इस मामले में FIR दर्ज कर लिया गया है और यश वर्मा नाम के शख्स की गिरफ्तारी हुई है.

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सीओ-थानाध्यक्ष समेत 6 पुलिसकर्मी सस्पेंड

पुलिस पर लगते आरोपों के बीच सीओ, थानाध्यक्ष, एक इंस्पेक्टर और तीन सब-इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि सीधा सीएम योगी के आदेश पर ये कार्रवाई की गई और लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश हैं.

बीजेपी के गुंडों ने महिला की बेइज्जती की- अखिलेश यादव

अखिलेश यादव ने इस मामले में बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, 'गुंडों' को प्रोत्साहित करते हैं.

कल महिला का अपमान किया गया था. नामांकन पत्र ले जाते वक्त उन्हें बीजेपी के गुंडों का सामना करना पड़ा. समाजवादी पार्टी उनके साथ खड़ी है. उससे चुराई गई हर चीज वापस करनी होगी. यूपी के सीएम इन गुंडों को बढ़ावा दे रहे हैं.

अलग-अलग जिलों से आई हिंसा की तस्वीरें

लखीमपुर खीरी के अलावा कन्नौज, सीतापुर, बुलंदशहर, बस्ती, गोरखपुर जैसे शहरों से हिंसा की खबरें आईं. हिंसा, मारपीट, झड़प, छिनैती, गोलीबारी के वीडियो सामने आए. कहीं पर बीजेपी कार्यकर्ताओं पर आरोप लगे तो कहीं पर दूसरी पार्टियों पर. इन सबके बीच पुलिस पर भी लापरवाही के आरोप लगे हैं. कई वीडियो में झड़प के बीच पुलिस खड़ी की खड़ी दिख रही है.

चुनाव में कर रही सत्ता का दुरुपयोग- मायावती

हिंसा की खबरों पर मायावती ने भी योगी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि प्रमुख के चुनाव के दौरान भी सत्ता व धनबल का घोर दुरुपयोग व हिंसा आदि जो हो रही है, वह सपा शासन की ऐसी अनेकों यादें ताजा कराता है.

मायावती ने शुक्रवार को इस मामले को लेकर एक साथ कई ट्वीट किए और कहा कि,

"यूपी पंचायत चुनाव में बीजेपी द्वारा पहले जिला पंचायत अध्यक्ष व अब ब्लाक प्रमुख के चुनाव के दौरान भी सत्ता व धनबल का घोर दुरुपयोग व हिंसा आदि जो हो रही है, वह सपा शासन की ऐसी अनेकों यादें ताजा कराता है. इसीलिए बीएसपी ने इन दोनों अप्रत्यक्ष चुनावों को नहीं लड़ने का फैसला लिया."
मायावती, अध्यक्ष, बीएसपी

उन्होंने आगे कहा कि अब यूपी विधानसभा का चुनाव निकट है, तब बीजेपी सरकार के विरुद्ध एसपी जो जुबानी विरोध व आक्रामकता दिखा रही है वह घोर छलावा व अविश्वसनीय है, क्योंकि इन्हीं सब सत्ता के दुरुपयोग व हर कीमत पर चुनाव जीतने आदि के लिए सपा का पूरा शासनकाल काफी चर्चाओं में रहा. जनता कुछ भी नहीं भूली.

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