ADVERTISEMENTREMOVE AD

2019 चुनाव सर्वे सिर्फ टीजर हैं, पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त  

लोकसभा चुनावों पर सर्वे में काफी जल्दी, तस्वीर साफ होना अभी बाकी

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

लगातार दो ओपिनियन पोल पीएम नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी दोनों को मंजिल तक नहीं पहुंचा रहे हैं. सर्वे में यूपी में बीजेपी का सफाया होता दिख रहा है. लेकिन फायदा कांग्रेस को नहीं हो रहा है. एबीपी न्यूज और इंडिया टुडे के ये सर्वे दिसंबर और जनवरी का हाल बयां कर रहे हैं. लेकिन उसके बाद गंगा में बहुत पानी बह गया है और कांग्रेस में प्रियंका गांधी की एंट्री हो गई है.

लोकसभा इलेक्शन अप्रैल-मई में होने हैं. इसका मतलब अभी फिल्म का सिर्फ टीजर रिलीज हुआ है. ट्रेलर और पिक्चर तो अभी बाकी है . कई ऐसे फैक्टर हैं जो इन सर्वे की तस्वीर को पूरा उलट भी सकते हैं क्योंकि ये 5 बातें सर्वे होने के बाद सामने आई हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

फैक्टर 1: प्रियंका गांधी फैक्टर

इंडिया टुडे और कार्वी इनसाइट्स के सर्वे के मुताबिक यूपी में महागठबंधन यानी एसपी-बीएसपी और आरएलडी को 80 में 58 सीटें मिल रही हैं. जबकि 2014 में 73 सीटें जीतने वाली बीजेपी के बारे में कहा गया है कि वो 18 सीटों पर ही सिमट जाएगी. कांग्रेस को सिर्फ 4 सीटें दी गई हैं.

एबीपी न्यूज के सी वोटर सर्वे में महागठबंधन को 51, एनडीए को 18 और यूपीए को 4 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. लेकिन दोनों सर्वे प्रियंका गांधी को कांग्रेस का महासचिव बनाए जाने और ईस्टर्न यूपी की कमान सौंपे जाने से ठीक पहले के हैं.

यूपी में प्रियंका गांधी के आने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जो माहौल दिख रहा है उसमें लोग प्रियंका की तुलना उनकी दादी इंदिरा गांधी से भी कर रहे हैं. ऐसे में अब यूपी में कांग्रेस की सीटों का अंदाजा अभी से लगाना आसान नहीं होगा. प्रियंका फैक्टर इन आंकड़ों को बदलने का काम कर सकता है.

फैक्टर 2: तीन राज्यों में कांग्रेस की जीत

सीटों का आंकड़ा पेश करने वाले इस सर्वे को फेल करने वाला दूसरा फैक्टर, कांग्रेस की तीन राज्यों में सरकार बनना है. कांग्रेस ने हाल ही में  मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सरकार बनाई है. सरकार बनते ही तीनों राज्यों में किसान कर्जमाफी का दांव खेलकर कांग्रेस ने अपने इरादे साफ कर दिए.

कर्जमाफी अभी शुरू हुई है, इसका असर आने वाले महीनों में देखने को मिल सकता है. इसके अलावा इन राज्यों से कांग्रेस अपने सरकार चलाने के नए तरीके को लोगों तक पहुंचा रही है. चुनाव तक इन राज्यों में कई ऐसे फैसले लिए जा सकते हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

फैक्टर 3: राम मंदिर पर फैसला

पिछले कई दशकों से राम मंदिर का मुद्दा बीजेपी के लिए सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा रहा है. ऐसे में राम मंदिर फैक्टर भी सर्वे के नतीजों में दबाव बना सकता है. चुनाव नजदीक आते ही पूरे देशभर में राम मंदिर की गूंज एक बार फिर उठने लगी है.

हालांकि सरकार कह चुकी है कि वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करेगी लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से किसी ऐलान के कयास खत्म नहीं हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 29 जनवरी को हैं. बीजेपी को दोनों सर्वे 18 या 25 सीटों पर सिमटा हुआ बताया रहे हैं लेकिन राम मंदिर सीटें बढ़ाने की वजह बन सकता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

फैक्टर 4: 2019 का बजट

केंद्र सरकार की तरफ से बजट पेश किया जाना बाकी है. केंद्र की मोदी सरकार चुनाव से ठीक पहले लोक लुभावन बजट भी पेश कर सकती है. बजट में युवाओं, महिलाओं और किसानों को लेकर बड़ी घोषणाओं के अंदाजे लगा रहे हैं.

इसके अलावा सरकार आम लोगों के लिए टैक्स का दायरा बढ़ाने का मूव भी ले सकती है. ऐसे में देशभर में होने वाले लोकसभा चुनाव में इसका असर होना तय है. इसीलिए सर्वे में दिखाई तस्वीर को यह फैक्टर कुछ हद तक धुंधला जरूर कर सकता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

फैक्टर 5: नागरिकता संशोधन विधेयक

एबीपी न्यूज के सी-वोटर सर्वे के मुताबिक नॉर्थ ईस्ट में एनडीए को सबसे ज्यादा 14 सीटें, यूपीए को 9 और अन्य को 2 सीटें मिलने का अनुमान है. लेकिन नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में पास होने के बाद जिस तरह पूरे नॉर्थ-ईस्ट में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं. वो बीजेपी का खेल बिगाड़ सकता है.  इसी विधेयक की वजह से असम गण परिषद (एजीपी) ने एनडीए से नाता तोड़ दिया था. अब नॉर्थ ईस्ट के कुछ और दल एनडीए से समर्थन वापस लेने का मन बना रहे हैं.

इसलिए इन सर्वे को अंतिम मत मानिए अभी बहुत उतार- चढ़ाव आएंगे. गठबंधन बनेंगे टूटेंगे और फाइनल पिक्चर मई में ही रिलीज होगी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×