सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनावों में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. यादव ने 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से नामांकन भरा था, जिसे अंतिम समय में खारिज कर दिया गया था.
उन्होंने सोमवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री के खिलाफ विधानसभा का चुनाव लड़ने का ऐलान किया. यादव रविवार को दुष्यंत चौटाला की अगुवाई वाली क्षेत्रीय दल जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) में शामिल हुए हैं. दुष्यंत ने कहा कि तेज बहादुर खट्टर के खिलाफ करनाल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने राज्य में बेरोजगारी को एक बड़ा मुद्दा बताया.
कौन हैं तेज बहादुर यादव?
तेज बहादुर ने सेना के जवानों को मिलने वाले खाने को सोशल मीडिया के जरिए दिखाया था. इस वीडियो में उन्होंने फोर्स के बड़े अधिकारियों पर गंभीर आरोप भी लगाए थे. इसी वीडियो को लेकर तेज बहादुर सुर्खियों में आ गए थे.
इस मामले पर काफी विवाद हुआ था. बाद में पीएमओ ने इस मामले का संज्ञान लिया था. वहीं, बीएसएफ ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए तेज बहादुर को बर्खास्त कर दिया था. तेज बहादुर मूल तौर पर हरियाणा में महेंद्रगढ़ के रहने वाले हैं और फिलहाल रेवाड़ी में अपने परिवार के साथ रहते हैं.
BSF ने किया था बर्खास्त
तेज बहादुर यादव ने बीएसएफ में रहते हुए साल 2017 में जवानों को मिलने वाले खाने की क्वालिटी पर वीडियो जारी किया था, जिसमें वह कह रहे हैं,
‘’मैं चाहता हूं ये वीडियो पूरे देश तक पहुंचे, ताकि लोगों को पता चल सके कि हमारे अधिकारी हमारे साथ कितना अत्याचार कर रहे हैं. हम किसी सरकार को कोई दोष नहीं देना चाहते, क्योंकि सरकार हर सामान जवानों को देती है लेकिन बड़े अधिकारी सब बेचकर खा जाते हैं. ऐसे हालात हैं कि कई बार जवानों को भूखे पेट भी सोना पड़ता है.’’
तेज बहादुर ने बताया था कि जवानों को सुबह के नाश्ते में सिर्फ एक पराठा और चाय के साथ मिलता है. उन्होंने बताया था कि दोपहर के खाने में जो दाल मिलती है, उसमें सिर्फ हल्दी और नमक होता है. तेज बहादुर का ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसके बाद पीएमओ को इस मामले पर संज्ञान लें.
(इनपुट: IANS)
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