महराष्ट्र कांग्रेस के बड़े नेता और मुंबई में उत्तर भारतीय समाज का बड़ा चेहरा कृपाशंकर सिंह ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है. कृपाशंकर सिंह ने 10 सितंबर को दिल्ली में अपना इस्तीफा महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंप दिया. उन्होंने कश्मीर को लेकर कांग्रेस पार्टी के रुख से सहमत नहीं होने को इस्तीफे की वजह बताया है. अब कृपाशंकर सिंह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.
लोकसभा चुनाव के वक्त से नाराज थे कृपाशंकर सिंह
कृपाशंकर सिंह लोकसभा चुनाव के वक्त से ही कांग्रेस से नाराज बताए जा रहे थे. खास तौर से उनकी नाराजगी मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम के काम करने के तरीके को लेकर थी. इसके बाद धीरे-धीरे उनका कांग्रेस नेताओं से नाता कम होता चला गया. पिछले दिनों उन्होंने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को चिट्ठी लिखकर सलाह दी थी कि प्रियंका को अपने सलाहकार की नियुक्ति पर फिर से विचार करना चाहिए. ये चिट्ठी उस घटना के बाद लिखी गई जब यूपी में प्रियंका गांधी के सलाहकार ने पत्रकार से बदसलूकी की थी और 'देख लेने' की धमकी दी थी.
जौनपुर के रहने वाले हैं कृपाशंकर
कृपाशंकर सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जौनपुर के रहने वाले हैं लेकिन उन्होंने महाराष्ट्र की राजनीति में अपना अच्छा-खासा प्रभाव बनाया. वो 2004 में कांग्रेस सरकार में गृह राज्यमंत्री भी रह चुके हैं. यूपी से मुंबई आने के बाद कृपाशंकर सिंह ने झुग्गी की समस्याओं की आवाज उठाई और लोगों के साथ मिलकर आंदोलन किया.
चुनाव से पहले कृपाशंकर सिंह का बीजेपी में जाना मुंबई कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है. मुंबई में रहने वाले पूर्वांचल के लोगों में भी कृपाशंकर सिंह की अच्छी खासी पकड़ है, जो अब थोड़ी ढीली हो सकती है.
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