पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह राजस्थान से राज्यसभा की एक सीट के लिए होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस की तरफ से उम्मीदवार होंगे. समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि, कांग्रेस नेतृत्व ने राजस्थान से राज्यसभा की एक सीट के लिए होने जा रहे उपचुनाव के लिए सिंह को उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है.
इसी के साथ कुछ वक्त के अंतराल के बाद मनमोहन सिंह का राज्यसभा फिर से पहुंचना लगभग तय हो गया है.
13 अगस्त को दाखिल कर सकते हैं नामांकन
सूत्रों का कहना है कि डॉ. मनमोहन सिंह आने वाली 13 अगस्त को जयपुर पहुंचकर नामांकन दाखिल करेंगे. मनमोहन सिंह कुछ समय पहले राजस्थान विधानसभा में विधायकों के एक कार्यक्रम के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे.
इसके बाद से ही ये अटकलें शुरू हो गई थीं कि सिंह इस बार राजस्थान से ही राज्यसभा पहुंचेंगे.
राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष रहे मदन लाल सैनी के निधन के कारण राजस्थान से राज्यसभा की एक सीट के लिए उपचुनाव हो रहा है.
छठी बार राज्यसभा जाएंगे मनमोहन सिंह
डॉ. मनमोहन सिंह साल 1991 में पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए थे. इसके बाद वह 1995, 2001, 2007, 2013 में उच्च सदन के लिए चुने गए.
प्रधानमंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह असम से राज्यसभा सदस्य थे और बीते 14 जून को उनका कार्यकाल पूरा हुआ था. इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि पार्टी उन्हें कहां से राज्यसभा के लिए भेजेगी.
मनमोहन सिंह का राज्यसभा के लिए चुना जाना तय
डॉ. मनमोहन सिंह का राजस्थान से चुना जाना लगभग तय है. इसकी वजह है कि संख्या बल उनके पक्ष में है. राजस्थान में इस समय कांग्रेस की सरकार है. इसलिए पूर्व प्रधानमंत्री को राज्यसभा जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी.
राज्यसभा चुनाव और कांग्रेस की ताकत:
- विधानसभा की कुल सीटें-200
- कांग्रेस-100 विधायक
- निर्दलीय-13 विधायक
- आरएलडी- 1 विधायक
- कुल विधायकों की संख्या -114
- बहुजन समाज पार्टी के 6विधायक
- सीपीएम के 2 विधायक साथ आ सकते है
- बीएसपी और सीपीएम के साथ आने पर कांग्रेस के खाते में 122विधायक आ सकते है
मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे. सिंह ने साल 1999 में दक्षिणी दिल्ली से लोकसभा का चुनाव लड़ा था लेकिन वह जीत हासिल करने में सफल नहीं हो पाए थे. इससे पहले वह 1991 में पी वी नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री रहे थे.
मनमोहन सिंह 1991 से 1996 तक केंद्रीय वित्त मंत्री रहे. इसके बाद वह 1998 से 2004 तक राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे.
(इनपुटः PTI)
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