पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुलवामा हमले को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की है. ममता ने कहा कि कि केंद्र के पास पुलवामा हमले के बारे में खुफिया जानकारी थी, लेकिन फिर भी कोई कदम नहीं उठाया गया. ममता ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार जवानों के शवों पर राजनीति करने को ज्यादा इच्छुक थी.
ममता बनर्जी ने दावा किया कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव से पहले 'युद्ध जैसा माहौल' पैदा करना चाहती है.
ममता बनर्ती ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस की कोर कमेटी की मीटिंग को संबोधित करते हुए कहा:
पिछले साढ़े चार सालों में बीजेपी ने विश्व हिंदू परिषद और आरएसएस जैसी ताकतों के साथ देश को धार्मिक रूप से बांटने की कोशिश की है. जनता के बीच नफरत और सांप्रदायिकता के जहर का इंजेक्शन लगाया.
ममता बनर्जी ने कहा, "वीएचपी, आरएसएस और बीजेपी ऐसी ताकतें हैं, जिन्होंने न सिर्फ देश को धार्मिक आधार पर बांटने की कोशिश की है, बल्कि जनता के बीच सांप्रदायिकता और घृणा के जहर को भी फैलाया है. हमें देश को बचाने के लिए इस तानाशाह नरेंद्र मोदी और अमित शाह को सत्ता से हटाना होगा."
टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने 19 जनवरी को बंगाल के ब्रिगेड मैदान में बीजेपी विरोधी दो दर्जन से ज्यादा दलों की रैली आयोजित की थी. वे अब 27 फरवरी को दिल्ली में विपक्षी दलों की एक अहम बैठक में शामिल होने के लिए तैयार हैं. ममता ने दावा किया है कि लोकसभा चुनाव में टीएमसी बंगाल की सभी 42 सीटों पर जीत हासिल करेगी.
बता दें कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने जवानों के काफिले पर फिदायीन हमले को अंजाम दिया था, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस आत्मघाती को हमले की जिम्मेदारी ली थी.
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