गुजरात चुनाव का जंग जीतने के लिए बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की तीसरी लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में 28 उम्मीदवारों के नाम हैं. तीसरी लिस्ट के मुताबिक दो मंत्रियों का टिकट काट दिया गया है. विधानसभा अध्यक्ष रमण वोरा और पूर्व मंत्री सौरभ पटेल की सीटें बदली गई हैं. रमण वोरा अब ईडर की जगह दसाड़ा और सौरभ पटेल अकोटा की जगह बोटाद विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. मंत्री वल्लभ वघासीया की जगह सावरकुंडला से नए चेहरे को उतारा गया.
मंत्री वानानी सूरत के कतार गाम विधानसभा सीट से विधायक थे. उनका भी टिकट कट गया है. इससे पहले जारी सूची में मंत्री निर्मला वाघवानी को भी टिकट नहीं दिया गया था. यानी कुल तीन मंत्रियों के टिकट कट चुके हैं. पूर्व मंत्री वसुबेन त्रिवेदी को भी टिकट नहीं मिला है . उनकी जगह पूर्व प्रदेश अध्यक्ष आरसी फलदू को जामनगर दक्षिण से टिकट मिला है.
असंतोष थामने मैदान में उतरे अमित शाह
बीजेपी अब तक 182 सीटों में से 134 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर चुकी है. अब तक 16 वर्तमान विधायकों के टिकट कट चुके हैं. इनमें मंत्री भी शामिल हैं. पार्टी को उनके समर्थकों की नाराजगी झेलनी पड़ रही है. टिकट कटने से पार्टी के दो दर्जन नेता नाराज हैं. इनके समर्थक अहमदाबाद में पार्टी मुख्यालय पर प्रदर्शन कर रहे हैं. पाटन से भाजपा सांसद ने बेटे को टिकट न दिए जाने से इस्तीफे की धमकी दी है. असंतोष थामने खुद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह मैदान में उतर आए हैं. शाह ने पार्टी की ओर से 70 विधायकों की पहली सूची जारी होते ही अहमदाबाद में डेरा जमा लिया था.
पाटीदारों की नाराजगी दूर करने की कोशिश
पार्टी ने पाटीदारों की नाराजगी दूर करने की पूरी कोशिश की है. तीसरी सूची के बाद पाटीदार समुदायों के उम्मीदवारों की संख्या बढ़ कर 22 हो गई है. इसके अलावा ठाकुर और ओबीसी उम्मीदवारों को भी तवज्जो दी गई है. गुजरात के मतदाताओं में पाटीदारों की 18 फीसदी हिस्सेदारी है और पिछले लगभग दो साल से आरक्षण के मुद्दे पर आंदोलन कर रहे इस समुदाय से वह किसी भी कीमत पर सुलह करना चाहती है.
ठाकौर उम्मीदवारों को भी सूची में तवज्जो दी गई है. अल्पेश ठाकौर के कांग्रेस में शामिल होने की वजह से युवा वोटरों का एक हिस्सा उनके साथ जा सकता है. यही वजह है कि राजपूतों को खुश करने की कोशिश की जा रही है.
युवाओं को भी तरजीह
हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकौर और जिग्नेश मेवाणी की युवा वोटरों में अपील के मद्देनजर भी युवा उम्मीदवारों को तवज्जो दी गई है.
कुल मिला कर भाजपा की अब तक की सूची में पाटीदारों को और ओबीसी समुदाय को तवज्जो मिलती दिख रही है. भाजपा इन दोनों के सहारे अपना बेड़ा पार लगाने की सोच रही है. लेकिन बड़ा सवाल है कि क्या पार्टी पाटीदार समुदाय के बड़े हिस्से पर हार्दिक के जादू को बेअसर कर पाएगी.
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