देश की सबसे हॉट सीटों में से एक सीट है मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की गुना सीट (Guna Lok Sabha Hot Seat). यहां ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) तो चुनाव लड़ ही रहे हैं बस चुनाव चिन्ह कांग्रेस (Congress) के हाथ से बदलकर बीजेपी (BJP) का कमल हो गया है. उधर कांग्रेस ने जिस उम्मीदवार को मैदान में उतारा है वो पूर्व में बीजेपी में रह चुके हैं. आइए जानते हैं यहां के चुनावी समीकरण.
सिंधिया Vs यादव
बीजेपी ने गुना से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को टिकट दिया है. हालांकि 2019 का लोकसभा चुनाव सिंधिया हार गए थे लेकिन इस बार पीएम मोदी का फैक्टर और एमपी में बीजेपी की लहर उनके पक्ष में काम कर सकती है. वहीं हाल ही में उमा भारती भी उनके पक्ष में प्रचार करने निकली हैं. बता दें इस सीट से सिंधिया पहले भी जीत चुके हैं.
कांग्रेस ने राव यादवेंद्र सिंह यादव को टिकट दिया है. यादव स्थानीय नेता हैं. वे अशोकनगर जिले से आते हैं और फिलहाल जिला पंचायत सदस्य हैं. यादव इससे पहले बीजेपी में थे. 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस जॉइन की थी. हालांकि वे कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव हार गए थे. उनके स्वर्गीय पिता देशराज सिंह यादव भी बीजेपी के विधायक रह चुके हैं और सिंधिया के खिलाफ लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं.
जातिगत समीकरण
गुना के जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां एससी समुदाय के 2,30,000 मतदाता हैं, एक लाख एसटी समुदाय के हैं, 60 हजार कुशवाहा हैं, रघुवंशी 32 हजार, यादव 73 हजार, ब्राह्मण 80 हजार, वहीं मुस्लिम और जैन 20-20 हजार हैं.
कांग्रेस इस सीट पर जातिगत समीकरण को साधने की कोशिश में हैं क्योंकि गुना लोकसभा सीट में आने वाली मुंगावली, अशोकनगर, चंदेरी, कोलारस, शिवपुरी और पिछोर में यादव वर्ग का दबदबा माना जाता है.
2019 vs 2014 vs 2009 का लोकसभा चुनाव
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के कृष्णपाल सिंह उर्फ डॉ केपी यादव ने भारी मतों के साथ 10.6% मार्जिन से चुनाव जीता था. वहीं कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया को 41.5% वोटों के साथ हार का सामना करना पड़ा था.
2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 12.3% मार्जिन के साथ चुनाव जीता था उन्हें लगभग 53% वोट हासिल हुए थे. वहीं बीजेपी के जयभान सिंह को 3,96,244 वोटों के साथ हार का सामना करना पड़ा था.
2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 63.60% वोट के साथ जीत दर्ज की थी. बीजेपी के डॉ नरोत्तम मिश्रा को 25.17% वोट के साथ हार का सामना करना पड़ा था.
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