ADVERTISEMENTREMOVE AD

हरियाणा: देवीलाल की जयंती पर INLD से AAP-कांग्रेस ने बनाई दूरी- क्या 'INDIA' में फूट?

Devi Lal birth anniversary: हरियाणा में INLD के कार्यक्रम में विपक्षी पार्टियों को न्योता दिया गया था.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

हरियाणा (Haryana) में 25 सितंबर को इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) की तरफ से ऐसा मंच तैयार किया गया, जिसकी चर्चा कार्यक्रम से पहले भी थी और कार्यक्रम के बाद भी हो रही है. मौका था ताऊ देवीलाल की 110वीं जयंती का.

इस मौके पर कैथल की नई अनाज मंडी में INLD राज्य स्तरीय रैली का आयोजन किया गया, जिसमें शामिल होने के लिए विपक्ष के तमाम नेताओं को न्योता दिया गया था. यानी मंच पर विपक्षी ताकत दिखाने की पूरी तैयारी थी, लेकिन कुछ नेता पहुंचे और कुछ शामिल नहीं हुए. शामिल न होने वाले नेताओं को लेकर अब चर्चा शुरू हो गई है कि क्या ये INDIA गठबंधन में 'फूट' है?

ADVERTISEMENTREMOVE AD

कार्यक्रम में कौन पहुंचा और कौन नहीं?

बिहार के CM नीतीश कुमार, RJD चीफ लालू यादव और तेजस्वी यादव, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, NCP चीफ शरद पवार, पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे, CPI (M) सीताराम येचुरी, जैसे बड़े नेता रैली में नहीं पहुंचे. ये सभी नेता INDIA गठबंधन का हिस्सा हैं. इसके अलावा कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का एक भी नेता रैली में नहीं पहुंचा.

इंडिया गठबंधन में शामिल अन्य नेताओं में नेशनल कॉन्फ्रेंस से फारुक अब्दुल्ला, जेडीयू से केसी त्यागी, आरएलडी से शाहिद सिद्दीकी और टीएमसी से डेरेक ओ ब्रायन रैली में शामिल हुए.

AAP और कांग्रेस ने क्यों बनाई दूरी?

आम आदमी पार्टी ने पहले ही साफ कर दिया था कि उनकी तरफ से कोई नेता इस कार्यक्रम में नहीं आ पाएगा. प्रांतीय वरिष्ठ उप प्रधान अनुराग ढांडा ने कहा, "वास्तव में ताऊ सभी वर्गों के नेता थे, हैं और रहेंगे, इसलिए उन्हें केवल INLD पार्टी के बंधन में बांधना उचित नहीं. आम आदमी पार्टी कैथल में आयोजित होने वाले सम्मान समारोह का हिस्सा बनने की बजाए उनके विचारों को जमीन पर उतारेंगे."

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को न्योता देने के लिए INLD महासचिव अभय चौटाला खुद दिल्ली पहुंचे थे. लेकिन खड़गे नहीं आए.

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा इस गठबंधन के खिलाफ हैं. दोनों पार्टियों का वोटबैंक लगभग समान है. 2014 के विधानसभा चुनाव में INLD को 19 सीटें मिली थीं, लेकिन 2019 के चुनाव में पार्टी को 90 विधानसभा सीटों में से सिर्फ एक पर जीत मिली. इसीलिए, कांग्रेस राज्य में बहुत ज्यादा गठबंधन के मूड में नहीं है.

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी 'INDIA' गठबंधन में INLD को शामिल नहीं करना चाहती है. दोनों दलों की राज्य ईकाई ने पार्टी नेतृत्व को संदेश पहुंचा दिया है कि हरियाणा में INLD से गठबंधन नहीं करना है. इसके पीछे की वजह, कांग्रेस और 'आप' की अपनी वोटबैंक पॉलिटिक्स है.
पवन बंसल, राजनीतिक विश्लेषक
0

क्या ये INDIA में फूट है?

क्या ये INDIA में फूट है? देवीलाल की जयंती का कार्यक्रम INLD हर साल आयोजित करती आई है और इससे पहले भी कई बड़े नेता इससे नदारद रहे हैं. इस साल भी कई बड़े नेता शामिल नहीं हुए, तो कुछ ने अपने प्रतिनिधि भेजे. TMC से ममता बनर्जी नहीं आईं, लेकिन डेरेक ओ ब्रायन पहुंचे, तो वहीं JDU से नीतीश कुमार नहीं पहुंचे, लेकिन पार्टी की तरफ से केसी त्यागी उपस्थित रहे.

किसी और बड़ी पार्टी के नेता के शामिल होने या न होने पर कोई विवाद नहीं है लेकिन चर्चा कांग्रेस को लेकर हो रही है. क्योंकि INLD हरियाणा की एक प्रमुख पार्टी है और कांग्रेस उसी पार्टी के कार्यक्रम में नहीं पहुंची, जिससे उसे गठबंधन करना पड़ सकता है.

कांग्रेस से जुड़े एक नेता ने नाम न छपने की शर्त पर कहा, "ये INDIA गठबंधन में फूट नहीं है. हम इनोलो के साथ कोई समझौता के मूड में नहीं हैं. क्योंकि इनोलो को लेकर पार्टी के भीतर कई मतभेद हैं. हमारा मानना है कि कांग्रेस बिना इनोलो के बीजेपी से मुकाबला करने में सक्षम है."

एक अन्य नेता ने कहा कि, ये कोई पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुई है. पहले भी हम ऐसा कर चुके हैं.

वहीं, हरियाणा में बीजेपी सरकार में शामिल JJP ने पूर्व उपप्रधानमंत्री की जयंती के अवसर पर सीकर (राजस्थान) में एक रैली आयोजित की. देवीलाल ने 1989 में सीकर लोकसभा सीट जीती थी. जेजेपी नेता अजय सिंह चौटाला और उनके बेटे और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने दावा किया कि उनकी पार्टी राजस्थान में अगली सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

एक राजनीतिक टिप्पणीकार ने कहा, "देवीलाल को इनोलो और जेजेपी दोनों अपना बताते का प्रयास करते रहे हैं. पिछले कुछ समय से BJP-JJP में भी सबकुछ ठीक नहीं है. भविष्य में जेजेपी भी विकल्प तलाश सकती है. मौजूदा समय में JJP हरियाणा में INLD के मुकाबले ज्यादा मजबूत नजर आ रही है. हालांकि, अभी भी सीट शेयरिंग का मुद्दा 'INDIA' में बड़ा नजर आ रहा है.

हालांकि, ये 'फूट' है या 'राजीतिक मजबूरी' इसपर कुछ कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन इससे इतना स्पष्ट है कि INDIA गठबंधन के लिए राज्यों में सीट बंटवारे की राह इतनी भी आसान नहीं रहने वाली है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×