Haryana Politics: देश में चुनावी शोर शुरू हो चुका है. इसके साथ शुरू हो चुकी है नफा-नुकसान की राजनीति. अगले साल मई में लोकसभा और फिर अक्टूबर महीने में हरियाणा में विधानसभा चुनाव (Haryana Election 2024) होने हैं. एक तरफ जहां हरियाणा में सभी राजनीतिक दल बेहद सक्रिय नजर आ रहे हैं, तो दूसरी तरफ सुगबुगाहट गठबंधन को लेकर भी है.
हरियाणा में बीजेपी (BJP) और जेजेपी (JJP) के सहयोग से गठबंधन की पिछले 4 साल से सरकार चल रही है. हालांकि इन 4 सालों में दोनों पार्टियों के भीतर ना तो ऐसी कोई बयानबाजी सुनी और ना ही एक-दूसरे को किसी ने आंख दिखाई. लेकिन बीते 1 महीने से गठबंधन में दरार की अफवाहों ने जोर पकड़ा है. लेकिन अब ये बस अफवाहें, नहीं बल्कि दोनों दल एक-दूसरे को गठबंधन का पाठ भी पढ़ाने में लगे हैं.
बुजुर्ग पेंशन पर दोनों दलों की राय से गठबंधन में खटास !
नई नवेली जननायक जनता पार्टी (JJP) ने साल 2019 में पहला विधानसभा का चुनाव लड़ा. जेजेपी के लिए सबसे बड़ा मद्दा बुजुर्ग पेंशन 5100 रुपए का था. चुनावी नतीजों से जेजेपी संतुष्ट तो थी, लेकिन उनकी लॉटरी बीजेपी के साथ गठबंधन करके लगी. क्योंकि बीजेपी को भी सरकार चलाने के लिए साथ चाहिए था और उनको जेजेपी का सहयोग अभी भी मिल रहा है.
जेजेपी खुले मंच से कहती रही कि अगर दुष्यंत चौटाला सीएम बनते तो हम 5100 रुपए पेंशन देते, लेकिन बीजेपी अपनी चाल पर चलती रही और इस वक्त हरियाणा में बुजुर्ग पेंशन 2750 रुपए है. सरकार बीते 4 साल से हर वर्ष 250 बढ़ाती आ रही है.
बीजेपी के नेता क्यों आए खुलकर मैदान में ?
जननायक जनता पार्टी के मुकाबले भारतीय जनता पार्टी चुनावी मोड़ में ज्यादा सक्रिय नजर आ रही है. बीजेपी ने काफी हद तक अपना रोडमैप तैयार कर लिया है अब उसी रोडमैप को फॉलो भी किया जा रहा है. शायद बीजेपी के मास्टर प्लान में साल 2024 का लोकसभा और विधानसभा चुनाव गठबंधन में लड़ने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन जेजेपी आज की जमीनी हकीकत को देखते हुए बीजेपी के साथ चुनावी रण में उतरना चाहती है. हाल ही में सिरसा में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री संजीव बाल्यान ने कहा था-
हमने हालात को देखते हुए मजबूरी में जेजेपी के साथ गठबंधन किया है.
हरियाणा बीजेपी प्रभारी बिप्लब देब ने जेजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था-
दुष्यंत चौटाला ने हम पर अहसान नहीं किया है. बदले में हमने उनके विधायकों को मंत्री पद दिया है.
हरियाणा के कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर भी कह चुके हैं कि ये मजबूरी का गठबंधन है, लेकिन प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज इस पूरे मामले पर डैमेज कंट्रोल करते दिखे. उन्होने कहा कि घर में दो बर्तन होते हैं तो खड़कते ही हैं, लेकिन सियाने लोग उन्हें उठाकर रख देते हैं.
जेजेपी के नर्म रवैया का कारण ये...!
जननायक जनता पार्टी हर हाल में आने वाले चुनाव में बीजेपी के साथ जाना चाहती है. ये बात जेजेपी अच्छे से जानती है कि जनता उनसे ज्यादा खुश नहीं है और बीजेपी के सहारे जेजेपी अपनी नैया पार लगाना चाहती है. तभी तो एलांयस पर बीजेपी के तीखे हमले पर दुष्यंत चौटाला बेहद ही शालीनता से जवाब दे रहे हैं. दुष्यंत चौटाला ने रोहतक में पत्रकारों से सवालों का जवाब देते हुए कहा, 'ये मजबूरी का गठबंधन नहीं था ये प्रदेश को स्थिर सरकार देनी थी.'
इसके अलावा दुष्यंत चौटाला ने भी कहा, 'बीजेपी और जेजेपी के गठबंधन की बात देश के गृहमंत्री अमित शाह के घर पर हुई थी.'
करनाल में जेजेपी के विधायक और सरकार में मंत्री देवेंद्र बबली ने कहा कि गठबंधन मजबूती से चल रहा है नेताओं में इस तरह की बयानबाजी चलती रहती है. जेजेपी के प्रदेशाध्यक्ष निशान सिंह कह चुके हैं कि बीजेपी ने गठबंधन पर बयान देकर शुरुआत की है हमने कभी गलत बयान नहीं दिया है. लेकिन सच ये भी है कि जेजेपी के कई विधायक पार्टी से बेहद खासकर दुष्यंत चौटाला से नाराज हैं.
बीजेपी में मुलाकातों का दौर हुआ तेज
हरियाणा बीजेपी प्रभारी आने वाले चुनावों को लेकर काफी एक्टिव दिख रहे हैं. वो लगातार हरियाणा और दिल्ली के दौरे पर हैं. जेजेपी-बीजेपी के गठबंधन की दूरियों का फायदा उठाने के लिए अब निर्दलीय विधायक भी सामने आ गए हैं.
हरियाणा बीजेपी प्रभारी से 5 निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर, राकेश दौलताबाद, रणधीर सिंह, गोपाल कांडा और सोमबीर सांगवान मिल चुके हैं.
हांलाकि इन सबके बीच क्या खिचड़ी पकी है ये तो किसी को नहीं पता, लेकिन सभी निर्दलीय विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं. शुक्रवार देर रात मुख्यमंत्री मनोहर लाल से उनके निवास स्थान पर बिप्लब देव ने मुलाकात भी की.
जून महीने में बीजेपी ने हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर रैलियां करने का ऐलान किया हैं. 2 लोकसभा क्षेत्रो में बड़ी रैलियां होंगी, जिसमें केंद्रीय मंत्री भी शिरकत करेंगे. इन रैलियों से गठबंधन की आगे की तस्वीर काफी हद तक साफ होगी. फिलहाल तो बैटिंग बीजेपी कर रही है और मजबूरन जेजेपी को बॉलिंग करनी पड़ रही है. बैट-बॉल की इस गेम में कौन किस पर हावी होगा ये आने वाले वक्त ही बताएगा, लेकिन हरियाणा में तपिश के साथ सियासी सरगर्मियां भी बढ़ी हुई है.
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