हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 के नतीजे आ चुके हैं. राज्य की सभी 90 विधानसभा सीटों पर हुए इस चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. 40 सीटों पर जीत के साथ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सबसे बड़ी पार्टी बनी है, जबकि 31 सीटों पर जीत के साथ कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही है.
ऐसे में साफ है कि फिलहाल कोई भी पार्टी हरियाणा में अकेले सरकार बनाती नहीं दिख रही.ऐसी स्थिति में किंगमेगर की भूमिका अहम हो जाती है.
मगर सवाल उठता है कि सरकार में किंगमेकर बनेगा कौन? फिलहाल जो स्थिति है उसके हिसाब से इस सवाल का जवाब इन 3 समीकरणों से मिलता दिखता है:
1. अगर बीजेपी के साथ आएं निर्दलीय
इस बार हरियाणा विधानसभा चुनाव में 7 निर्दलीयों ने जीत दर्ज की है. ऐसे में अगर बीजेपी (40) के साथ कम से कम 6 निर्दलीय आ जाते हैं तो उसके पास सरकार बनाने के लिए 46 का जरूरी आंकड़ा हो जाएगा.
2. अगर बीजेपी के साथ आ जाए जेजेपी
जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने हरियाणा की 10 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है. ऐसे में जेजेपी (10) और बीजेपी (40) के साथ आने से कुल आंकड़ा 50 का हो जाएगा. यह संख्या सरकार बनाने के लिए जरूरी संख्या से 4 ज्यादा है.
3. अगर कांग्रेस के साथ आ जाएं जेजेपी और निर्दलीय
अगर कांग्रेस (31) के साथ जेजेपी (10) और कम से कम 5 निर्दलीय आ जाते हैं तो उसके पास भी सरकार बनाने के लिए जरूरी आंकड़ा हो जाएगा.
बाकी 2 सीटों की बात करें तो एक सीट पर हरियाणा लोकहित पार्टी जीती है, वहीं एक सीट पर इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) ने जीत दर्ज की है.
ऊपर दिए गए तीनों समीकरणों में कहीं भी एक-दो सीट का हेरफेर हुआ तो इन दोनों पार्टियों की भी सरकार बनाने में अहम भूमिका हो सकती है.
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