वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) को लेकर धरने पर बैठे पूर्व सैनिक राम किशन ग्रेवाल के सुसाइड करने के बाद राजनितिक गलियारों में हलचल मच गयी है. जहां एक तरफ अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी पूर्व सैनिक के अंतिम संस्कार में पहुंचे थे, वहीं बीजेपी के कुछ नेता बयानबाजी कर रहे थे.
इसी बयानबाजी के दौर में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आत्महत्या करने वाले पूर्व सैनिक के बारे में विवादित बयान देते हुए कहा है कि "शहीद वह होते हैं जो बॉर्डर पर अपनी जान देते हैं, आत्महत्या करने वाले शहीद नहीं होते हैं."
खट्टर ने रामकिशन को शहीद का दर्जा देने से साफ इनकार कर दिया. खट्टर ने कहा रामकिशन ने आत्महत्या क्यों की, इसकी जांच होनी चाहिए.
सीएम यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिक रामकिशन ने व्यक्तिगत कारण से आत्महत्या की है. पूर्व सैनिक के बैंक अकाउंट में अंतर था, जिसके चलते उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठाया.
मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि गरीब परिवार के नाते जो मदद की जा सकती है, वो मदद रामकिशन के परिवार की भी की जाएगी.
वीके सिंह ने कहा था कांग्रेस कार्यकर्ता हैं रामकिशन
इससे पहले केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री जनरल (रि.) वीके सिंह ने भी विवादित बयान देते हुए बुधवार को कहा था कि ‘सुसाइड के पीछे ओआरओपी को वजह बताया जा रहा है, जबकि यह पता नहीं कि उसकी मानसिक स्थिति क्या थी?’ वी के सिंह यही नहीं रुके गुरुवार को उन्होंने फिर एक विवाद को जन्म दे दिया और कहा कि ग्रेवाल असल में एक कांग्रेस कार्यकर्ता थे, जिन्होंने कांग्रेस के टिकट पर सरपंच का चुनाव भी लड़ा था.
बुधवार देर रात आरएमएल अस्पताल में पूर्व सैनिक राम किशन का पोस्टमॉर्टम हुआ. उसके बाद आज राम किशन के गांव में उनका अंतिम संस्कार किया गया.
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