झारखंड के भावी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार की शाम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात की. उन्होंने 29 दिसंबर को होने वाले अपने शपथ ग्रहण समारोह के लिए उन्हें निमंत्रण दिया. इससे पहले रांची में सोरेन ने खुद मीडिया को इस बात की जानकारी दी थी.
हेमंत सोरेन ने इस मुलाकात से ठीक पहले कहा था-
“29 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह के लिए कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी जी, राहुल गांधी जी और प्रियंका गांधी जी को आमंत्रित करने मैं आज दिल्ली के लिए रवाना हो रहा हूं.”-हेमंत सोरेन
सूत्रों ने कहा था कि सोरेन ने सोनिया गांधी से बात की है और व्यक्तिगत रूप से उन्हें समारोह में आमंत्रित करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में गठबंधन की सरकार बनाने में सहयोग करने के लिए सोरेन कांग्रेस और इसके नेतृत्व को धन्यवाद देना चाहते हैं.
झारखंड के कांग्रेस प्रभारी आर. पी. एन. सिंह और झारखंड चुनावों के लिए पार्टी के समन्वयक अजय शर्मा सोरेन के साथ दिल्ली आए.
मंगलवार को राज्यपाल से मिले सोरेन
झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने मंगलवार को झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिलकर राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया. इससे पहले उन्हें झारखंड मुक्ति मोर्चो विधायक दल का नेता चुना गया. सोरेन जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी के नेताओं के साथ राजभवन में राज्यपाल से मिले और सरकार बनाने का दावा पेश किया. इन तीनों दलों ने विधानसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन बनाया था.
झारखंड के चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और आरजेडी को बहुमत मिली. हेमंत सोरेन राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे क्योंकि वो गठबंधन के सीएम फेस हैं. वो दूसरी बार झारखंड के सीएम बनेंगे.
बड़े भाई के निधन के बाद संभाली JMM की कमान
हेमंत सोरेन जेएमएम के संस्थापक और झारखंड के पूर्व सीएम शिबू सोरेन के छोटे बेटे हैं. रामगढ़ के नेमरा गांव में पैदा हेमंत अब अपने पिता शिबू की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. बड़े भाई दुर्गा सोरेन के निधन और शिबू सोरेन की बढ़ती उम्र की वजह से हेमंत ने जेएमएम की राजनीति को आगे बढ़ाने का जिम्मा लिया. हेमंत के नजदीकी सहयोगी दावा करते हैं कि उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की है. लेकिन 2005 और 2009 का चुनावी पर्चा दाखिल करने के वक्त उन्होंने अपनी शिक्षा इंटरमीडिएट तक बताई थी.
हेमंत ने पहली बार 2005 में दुमका विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था. हालांकि वह पार्टी से बगावत कर मैदान में उतरी स्टीफन मरांडी से हार गए. 24 जनवरी, 2009 से लेकर 4 जनवरी 2010 तक थोड़े वक्त के लिए हेमंत राज्यसभा के भी सदस्य रहे. बीजेपी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, जेडीयू और आजसू की गठबंधन सरकार में हेमंत उप मुख्यमंत्री भी रहे. इस सरकार की अगुआई बीजेपी के अर्जुन मुंडा कर रहे थे.
(इनपुट- ANI और भाषा)
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