ADVERTISEMENTREMOVE AD

हिमाचल: MLA पिता को बेटे की नसीहत, कांग्रेस विधायकों की पोस्ट से सियासी बवंडर, सुक्खू सरकार में क्या चल रहा?

Himachal Politics: हिमाचल की सुक्खू सरकार के प्रति असंतोष के सुर

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की राजनीति में इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. हालात बता रहे हैं कि दो-चार दिन से घमासान जैसा मचा हुआ है. कांग्रेस के बीच जो हो रहा है, वो तो राजनीतिक है लेकिन अब इस राजनीति में अपने ही अपनों के खिलाफ होते नजर आ रहे हैं. पुत्र अपने उस पिता को नसीहत देते हुए सरकार के खिलाफ उतर आया है, जो सरकार में अहम मंत्रालय के मंत्री हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
ये सब हुआ पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को चुनाव में हराने वाले कांग्रेस के विधायक राजेंद्र राणा की एक पोस्ट से. इस एक पोस्ट के बाद सियासी घमासान मचा हुआ है.

इस गहमागहमी के बीच क्या-क्या हुआ, आइए जानते हैं...

मंत्री पिता के खिलाफ हुआ बेटा ?

प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री चंद्र कुमार, सीएम सुक्खू के समर्थन में आए और उनके नेतृत्व को सही और दो विधायकों की पोस्ट को अनुशासनहीनता बताया. मंत्री के बेटे ने अपने ही पिता पर तंज कसते हुए कहा कि आप अपने जिले पर ध्यान दें, सरकार को अपनी कार्यप्रणाली बनाने के लिए आठ महीने काफी होते हैं. नौ महीने में तो बच्चा भी हो जाता है.

कहां से शुरू हुई सियासी तनातनी ?

दरअसल 9 अगस्त 2023 को हमीरपुर जिला के सुजानपुर से कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने अपनी फेसबुक पर एक पोस्ट की. इसमें उन्होंने लिखा कि...

जो विवादों से दूर रहते हैं, वही दिलों पर राज करते हैं... जो विवादों में उलझ जाते हैं, वे अक्सर दिलों से भी उतर जाते हैं. महाभारत का प्रसंग देखिए: पांडवों ने सिर्फ पांच गांव ही तो मांगे थे और दुर्योधन ने सुई की नोक के बराबर भी जमीन देने से इंकार कर दिया था. एक जिद ने महाभारत रच दिया. सुकून भरी जिंदगी के लिए 'विवादों से दूरी, है बेहद जरूरी.’

राणा की पोस्ट के क्या मायने हैं?

अब राजेंद्र राणा की इस पोस्ट के मायने निकाले जा रहे हैं कि राजेंद्र राणा कांग्रेस के वो विधायक हैं, जो सरकार बनने पर कैबिनेट में मंत्री पद की आस लगाए बैठे थे. लेकिन हाई कमान ने उन्हें निराश कर दिया और उनकी इस इच्छा पर पानी फेर दिया, जिससे वे निराश हैं और उन्होंने इशारों-इशारों में हमला बोलते हुए ये शब्द बाण छोड़े हैं.

राणा ने की पोस्ट तो सुधीर ने दी हवा

राजेंद्र राणा की पोस्ट के बाद ये आग इतनी ज्यादा नहीं फैलती, अगर कांग्रेस के ही युवा विधायक सुधीर शर्मा उनके पक्ष में आकर तुलसीदास का एक दोहा कमेंट में लिखते हुए अपनी प्रतिक्रिया नहीं देते. मामले को तूल देते हुए सुधीर शर्मा ने लिखा कि ‘मनुष्य बड़ा-छोटा नहीं होता वास्तव में समय बड़ा बलवान है.’

विधायक राजेंद्र राणा और सुधीर शर्मा की पोस्ट के बाद राजनीतिक जानकार और विपक्ष सरकार पर खूब हमलवार हुआ और सीएम सुखविंदर सिंह के नेतृत्व को लेकर भी कई तरह की बातें कही गईं. वहीं, कुछ लोग इस पोस्ट को कांग्रेस में सियासी महाभारत की तरह देख रहे हैं, क्योंकि पार्टी के कई सीनियर विधायक अभी भी मंत्री बनने के सपने देख रहे हैं.

तरह-तरह की बयानबाजी के बाद सामने आए मंत्री चंद्र कुमार

दोनों विधायकों की पोस्ट और विपक्ष की कई तरह की बातों के बाद प्रदेश सरकार में मंत्री और सीनियर कांग्रेस नेता चौधरी चंद्र कुमार सीएम सुखविंदर सिंह के पक्ष में आए. चंद्र कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री के लिए सभी विधायक बराबर होते हैं और सुखविंदर सिंह सबको साथ लेकर चलते हैं. इसके साथ ही उन्होंने राजेंद्र राणा और सुधीर के फेसबुक पोस्ट को भी अनुशासनहीनता बताया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

CM के पक्ष में बोले चंद्र तो उनके खिलाफ हुआ उनका बेटा

चंद्र कुमार के बयान के बाद उनके बेटे और पूर्व CPS नीरज भारती ने जो पोस्ट किया, उसने कार्यकर्ताओं का दर्द साफ कर दिया. इसके साथ ही पिता-पुत्र के रिश्ते की गुढ़ता को भी बयां कर दिया.

दरअसल, नीरज भारती ने पिता के बयान के खिलाफ दो पोस्ट किए. इसमें उन्होंने लिखा ‘अपनी पार्टी के चुने हुए प्रतिनिधियों पर तंज कसने से अच्छा है कि आप अपने जिले पर ध्यान दें, आप प्रदेश के सबसे बड़े जिले कांगड़ा से इकलौते मंत्री हैं. इसलिए अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के बारे में सोचें, जो कांग्रेस वर्कर को मुंह नहीं लगा रहे. सरकार बने 8 महीने हो गए, लेकिन अब तक अधिकारी नहीं बदले गए, नौ महीने में तो बच्चा भी हो जाता है.’

बेटे की टिप्पणी पर क्या बोले मंत्री पिता ?

बेटे की पोस्ट वायरल होने के बाद जब पिता और मंत्री चंद्र कुमार से इस बारे में पूछा गया तो वो सिर्फ इतना ही कह पाए कि ‘जब बाप का जूता बेटे को आना शुरू हो जाए तो ज्यादा एडवाइज नहीं करते.’

राजेंद्र राणा निराश क्यों ?

दरअसल राजेंद्र राणा ने साल 2017 के विधानसभा चुनाव में पूर्व CM प्रेम कुमार धूमल को मात दी थी. वह सुजानपुर से चुनाव जीते थे और इस बार भी धूमल बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा थे. चुनाव हारने की वजह से फिर वह सीएम नहीं बन पाए थे. राजेंद्र राणा इसी बात से निराश हैं कि उन्होंने CM कैंडिडेट को भी भारी मतों से हराया था लेकिन फिर भी उन्हें मंत्री पद नहीं दिया गया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

राणा को क्यों नही मिला मंत्री पद ?

राजेंद्र राणा को मंत्री पद ना मिलने के पीछे के क्षेत्रीय समीकरणों की बात करें तो राजेंद्र राणा की सुजानपुर विधानसभा सीट हमीरपुर जिला और हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में आती है. जबकि CM और डिप्टी सीएम दोनों ही हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से आते हैं. ऐसे में राणा को मंत्री ना बनाए जाने के पीछे की वजह क्षेत्रीय समीकरण बताया जा रहा है.

सरकार में अभी भी तीन पद खाली

कांग्रेस सरकार बने आठ महीने का लंबा अरसा गुजर गया, लेकिन अभी भी सुक्खू कैबिनेट पूरी नहीं बन पाई है. कैबिनेट में अभी भी तीन पद खाली चल रहे हैं. इन तीन पदों के लिए राजेश धर्माणी, यादवेंद्र गोमा और राजेंद्र राणा बड़े दावेदार माने जा रहे हैं, लेकिन क्षेत्रीय समीकरण और संतुलन के चलते राजेंद्र राणा को मंत्री पद से वंचित रहना पड़ सकता है.

अभी तक प्रदेश सरकार में शिमला जिले से तीन मंत्री हैं. ऐसे में सियासी समीकरण यहां पहले से ही बिगड़ चुके हैं. अगर राजेंद्र राणा को मंत्री बनाया जाता है तो हमीरपुर में भी यही हाल होगा और अगर नहीं बनाया जाता है, तो देखना होगा कि उनकी नाराजगी किस ओर करवट लेती है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सुक्खू सरकार और संगठन के बीच संग्राम छिड़ सकता है?

  • पिता चंद्रकुमार के खिलाफ उनका बेटा उतरा तो उनकी पोस्ट ने कार्यकर्ताओं का दर्द बयां किया.

  • इससे पहले एक अखबार के मुताबिक कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से शिकायत कर चुकी हैं.

  • बोर्ड और निगमों में तैनाती नहीं होने से कार्यकर्ता मायूस हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×