एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि देशभर के 40 हजार कॉलेजों और 900 यूनिवर्सिटी में 10 फीसदी आरक्षण का कोटा इसी एजुकेशनल सेशन से लागू कर दिया जाएगा. इसमें सरकारी और प्राइवेट, दोनों तरह के संस्थान शामिल हैं.
जावड़ेकर ने स्पष्ट किया कि मौजूदा आरक्षण व्यवस्था से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि UGC, AICTE और अन्य अधिकारियों के साथ 10 फीसदी कोटा लागू करने के मुद्दे को लेकर बैठक हुई, जिसमें फैसला लिया गया कि 10 फीसदी कोटे को 2019 से ही लागू करने के लिए तुरंत कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को सूचित कर दिया जाएगा.
10 % कोटा लागू करने के लिए बढ़ाई जाएंगी 25 फीसदी सीटें
एचआरडी मिनिस्ट्री ने मंगलवार को ऐलान किया कि वह शिक्षण सत्र 2019-20 से सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को लागू करेगा. इसके लिए देशभर में उच्च शिक्षा संस्थानों और विश्वविद्यालयों में करीब 25 प्रतिशत सीटें बढ़ाई जाएंगी.
‘‘शिक्षण सत्र 2019-2020 से ही आरक्षण लागू हो जाएगा. करीब 25 प्रतिशत सीटें बढ़ाई जाएंगी ताकि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य श्रेणियों के तहत मौजूदा कोटा प्रभावित नहीं हो.’’प्रकाश जावड़ेकर, एचआरडी मिनिस्टर
जावड़ेकर ने कहा, ‘‘तौर-तरीकों पर काम हो रहा है और एक सप्ताह के भीतर हम बढ़ाई जाने वाली सीटों की सही-सही संख्या बता सकेंगे.'' उन्होंने यह भी कहा कि निजी विश्वविद्यालय भी आरक्षण लागू करने के लिए तैयार हैं.
चुनावी मौसम में मोदी सरकार का 10% आरक्षण का दांव
केंद्र की मोदी सरकार ने चुनावी मौसम में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े तबके को 10% आरक्षण देने का बड़ा दांव चला है. बिल लोकसभा और राज्यसभा से पास हो चुका है. राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद सरकार ने इसके लिए अधिसूचना भी जारी कर दी है.
इसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों और अल्पसंख्यकों के कुछ हिस्सों को फायदा मिलेगा. इन्हें रोजगार और शिक्षा संस्थानों में फायदा दिया जाएगा. सरकारी सूत्रों के मुताबिक, एक हफ्ते के भीतर कानून को अंतिम रूप दिया जाएगा. संसद ने 103 वें संविधान संशोधन के जरिए आर्थिक आधार पर आरक्षण का बिल पास किया था.
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