असम में नागरकिता बिल के विरोध में चल रहे प्रदर्शन के बीच अब सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी निजी टीवी चैनलों को ऐसी सामग्री के टेलीकास्ट में सावधानी बरतने के लिए कहा है. मंत्रालय का कहना है कि ऐसे वीडियो से हिंसा को प्रोत्साहन मिलने की आशंका है. संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) के पारित होने के बाद पूर्वोत्तर राज्यों जैसे असम, त्रिपुरा में हो रहे हिसक विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर टीवी चैनलों के लिए यह परामर्श जारी किया गया है.
टीवी चैनलों के लिए जारी किए गए परामर्श में मंत्रालय ने कहा है,
“सभी टीवी चैनलों को सलाह दी जाती है कि वे ऐसी सामग्री के प्रति खासतौर पर सावधानी बरतें, जिनसे हिंसा को प्रोत्साहन मिलता हो या उससे हिंसा भड़कती हो, या कानून-व्यवस्था बनाए रखने में समस्या पैदा होने की आशंका हो या फिर ऐसी घटनाएं जो राष्ट्रविरोधी व्यवहार को बढ़ावा दे रही हों.”
सख्ती से पालन करने के निर्देश
मंत्रालय ने कहा कि यह परामर्श "उन सभी सामग्री पर लागू होता है, जो देश की अखंडता को प्रभावित करती है और इसलिए यह सुनिश्चित करें कि ऐसी कोई भी सामग्री प्रसारित न हो जो इन संहिताओं का उल्लंघन करती है." जारी परामर्श में आगे कहा गया है, "सभी निजी सैटेलाइट टीवी चैनलों से अनुरोध किया जाता है कि वे इस परामर्श का सख्ती से पालन करें."
सूचना एवं प्रसारण मंत्री की तरफ से जारी इस एडवाइजरी का अब विरोध भी शुरू हो चुका है. विपक्षी दलों ने टीवी चैनलों को दिए गए निर्देशों पर प्रोटेस्ट भी किया.
पहले भी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय कई मौकों पर निजी टीवी चैनलों के लिए परामर्श जारी करता रहा है, जिसमें कार्यक्रम एवं प्रसारण संहिता के तहत निर्धारित सामग्री के प्रसारण को लेकर सख्त पालन की मांग की जाती रही है.
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