कांग्रेस ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध के बीच चीनी सैनिकों के पीछे हटने के लिए सहमति बनने को लेकर सवाल किया है कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना वो बयान वापस लेंगे कि भारतीय सीमा में कोई नहीं घुसा है.
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सोमवार को कहा, ‘‘अब (हम) प्रधानमंत्री जी से ये पूछना चाहते हैं कि जो उन्होंने सर्वदलीय बैठक के समय बयान दिया था, क्या उस बयान को वापस लेंगे? क्या वह देश से माफी मांगेगे कि हां मुझसे गलती हुई, मैंने ये गलतबयानी कर दी?’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘अब अगर चीन के सैनिक पीछे हट रहे हैं तो ये तो साबित हुआ ना कि वे हमारी सीमा में आए थे. प्रधानमंत्री के बयान को चीन ने अपने लिए एक क्लीनचिट की तरह इस्तेमाल किया. इससे हमारी जो कूटनीतिक मेहनत थी पूरे दुनिया में, उसको चोट पहुंची है, उसको आघात पहुंचा है.’’
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना के पीछे हटने की खबरें सामने आने से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने टेलीफोन पर बात की थी. डोभाल और वांग दोनों देशों के बीच सीमा वार्ता से संबंधित विशेष प्रतिनिधि हैं.
विदेश मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि डोभाल और वांग के बीच रविवार को हुई बातचीत में इस बात पर सहमति बनी कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता की पूरी तरह बहाली के लिए सैनिकों का जल्द से जल्द पीछे हटना जरूरी है.
खेड़ा ने सोमवार को कहा, ‘‘मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री जी को खुद बाहर आकर बोलना चाहिए कि चीन की सेना कितना किलोमीटर तक पीछे गई है, कहां तक आई थी और कितना पीछे हटी है, अभी भी कितने इलाके पर काबिज है?''
बता दें कि पीएम मोदी ने कहा था, ''पूर्वी लद्दाख में जो हुआ...न वहां कोई हमारी सीमा में घुस आया है और न ही कोई घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है.'' इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा था कि सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी की टिप्पणियां गलवान घाटी में 15 जून के घटनाक्रम पर केंद्रित थीं, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए.
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