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महज ‘हिंदी, हिंदू और हिंदुस्तान’ नहीं है भारत: शशि थरूर

थरूर ने JNU स्टूडेंट्स की पीठ थपथपाते हुए उनके प्रोटेस्ट को जायज ठहराया और कहा, ‘देश को ऐसी तर्क शक्ति की जरूरत है.’

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BJP सरकार के दौर में ‘राष्ट्रवाद’ और ‘देशभक्ति’ को चेक करने का महज एक ही पैमाना रह गया है, और वो है ‘भारत माता की जय’.

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी विवाद पर BJP को आड़े हाथों लेते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने रविवार रात अपने लेक्चर में यह बात कही.

थरूर ने कहा कि राष्ट्रवाद अब केवल इस बात से तय होने लगा है कि सामने वाला ‘भारत माता की जय’ कहता है या नही. एक लोकतांत्रिक देश में ऐसी स्थिति पैदा होना बहुत खराब है.

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में लोगों को जो सही लगता हो, उसे चुनने का अधिकार होना चाहिए. दूसरों के विचारों को भी सहन किया जाना चाहिए, पर उन्हें किसी पर थोपना किसी भी तरह उचित नहीं है.

थरूर ने कहा कि हमारा देश विविधताओं का देश है. इसे सिर्फ हिंदी, हिंदू और हिंदुस्तान में बांधना, इसकी महिमा को कम करने जैसा है.

शशि थरूर जेएनयू कैंपस में प्रशासनिक ब्लॉक के बाहर ‘राष्टवाद’ के टॉपिक पर लेक्चर देने पहुंचे थे. थरूर ने इस मुद्दे पर करीब 40 मिनट का भाषण दिया.

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