AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि भारत न कभी हिंदू राष्ट्र था, न है, न कभी बनेगा. ओवैसी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान पर पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि 'भारत हिंदुओं का देश है, हिंदू राष्ट्र है. यह किसी पूजा का नाम नहीं है. भाषा का नहीं.'
मोहन भागवत के इस बयान पर पलटवार करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने ट्विटर पर लिखा-
“भागवत भारत में मेरे इतिहास को ‘हिंदू’ नया नाम देकर नहीं मिटा सकते. वह इस बात पर जोर नहीं दे सकते हैं कि हमारी संस्कृतियां, आस्थाएं, पंथ और व्यक्तिगत पहचान सभी हिंदू धर्म से जुड़ी हैं. भारत न कभी हिंदू राष्ट्र था, न है, न कभी बनेगा... इंशाअल्लाह.”
अपने एक अन्य ट्वीट में ओवैसी ने कहा, ''कोई फर्क नहीं पड़ता कि भागवत हमें विदेशी मुसलमानों से जोड़ने की कितनी कोशिश करते हैं, लेकिन इससे मेरी भारतीयता कम नहीं होगी. हिंदू राष्ट्र = हिंदू सर्वोच्चता. यह हमारे लिए अस्वीकार्य है. चाहे हम खुश हों या नहीं, इसका पैमाना संविधान है, न कि बहुमत की दरियादिली.''
भागवत ने क्या कहा था?
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि दुनिया भर में मारे-मारे फिरे यहूदियों को सिर्फ भारत में जगह मिली. साथ ही मुसलमान भी सबसे ज्यादा सुरक्षित भारत में हैं.
उन्होंने कहा,‘मारे-मारे यहूदी फिरते थे, अकेला भारत है, जहां उनको आश्रय मिला. पारसियों की पूजा और मूल धर्म सुरक्षित केवल भारत में है. विश्व में सर्वाधित सुरक्षित मुसलमान भारत में मिलेगा. ऐसा इसलिए है कि हम हिंदू हैं.’
भागवत ने ये भी कहा, ‘भारत हिंदुओं का देश है, हिंदू राष्ट्र है. यह किसी पूजा का नाम नहीं है. भाषा का नहीं. यह एक संस्कृति का नाम है, जो भारत में रहने वाले लोगों की विरासत है. कोई राष्ट्र जब रास्ते से भटक गया तो सत्य की तलाश में हमारे पाया है.’
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