कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज हो चुकी है. उन्होंने आईएनएक्स मीडिया केस के ईडी वाले मामले में कोर्ट से जमानत की अपील की थी. चिदंबरम को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद वो न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं. इससे पहले उन्हें आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई वाले केस से जमानत मिल गई थी.
हाईकोर्ट ने चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि उन पर लगाए गए आरोप काफी गंभीर हैं. कोर्ट ने कहा कि चिदंबरम ने एक मामले में एक्टिव रोल निभाया था. जमानत लेना अधिकार है, लेकिन अगर ऐसे मामलों में जमानत देंगे तो ये जनता के हितों के खिलाफ होगा.
ED ने की थी हिरासत बढ़ाने की मांग
चिदंबरम को 13 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया था, लेकिन इसके बाद उनकी न्यायिक हिरासत फिर से बढ़ा दी गई. कोर्ट ने उन्हें 27 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया. विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने यह आदेश पारित किया. जिला अदालतों में वकीलों की हड़ताल के कारण वरिष्ठ कांग्रेस नेता को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत में पेश किया गया था. बता दें कि ईडी ने ही चिदंबरम की न्यायिक हिरासत बढ़ाने की मांग की थी.
अगस्त से गिरफ्तार हैं चिदंबरम
सीबीआई ने चिदंबरम को सबसे पहले 21 अगस्त को आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ्तार किया था और अभी वह मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की हिरासत में हैं.
सीबीआई ने 15 मई, 2017 को एक एफआईआर दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया समूह को 305 करोड़ रुपये का विदेशी कोष प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी में गड़बड़ी की गयी थी. इसके बाद ईडी ने 2017 में इस संबंध में धनशोधन का मामला दर्ज किया था. ईडी ने उन्हें 16 अक्टूबर को हिरासत में लिया था.
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