देश के प्रमुख मीडिया हाउस दैनिक भास्कर ग्रुप (Dainik Bhaskar) के दफ्तरों पर इनकम टैक्स का छापा पड़ा है. भोपाल, जयपुर समेत मीडिया हाउस के अन्य दफ्तरों पर आईटी रेड के लिए कई टीमें एक साथ पहुंचीं. इनकम टैक्स विभाग का दावा है कि उनकी ये रेड टैक्स चोरी के मामले की जांच के लिए है. वहीं अखबार का कहना है कि केंद्र सरकार सच्ची पत्रकारिता से डर गई है. एक दूसरे चैनल भारत समाचार के एडिटर और उसके दफ्तर पर भी आईटी रेड हुई है.
इस छापेमारी को लेकर विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है और इसकी आलोचना की है. ममता बनर्जी ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया और साथ मिलकर लड़ने की बात कही. वहीं राहुल गांधी ने भी सरकार पर निशाना साधा.
कमलनाथ बोले- सच को रोकने के लिए एजेंसियों का दुरुपयोग
मध्य प्रदेश के भोपाल में दैनिक भास्कर ग्रुप का मेन ऑफिस है, जहां पर आईटी की टीम छापेमारी करने पहुंची. इसे लेकर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. कमलनाथ ने ट्विटर पर लिखा कि,
"मोदी सरकार में प्रजातंत्र के चौथे स्तंभ को दबाने का, सच को रोकने का काम शुरू से ही किया जा रहा है, अभी पेगासस जासूसी मामले में भी कई मीडिया संस्थान व उससे जुड़े लोग बड़ी संख्या में निशाने पर रहे है और अब सरकार की निरंतर पोल खोल रहे, सच को देश भर में निर्भिकता से उजागर कर रहे दैनिक भास्कर मीडिया समूह को दबाने का काम शुरू हो गया है? अपने विरोधियों को दबाने के लिये , सच को सामने आने से रोकने के लिये ईडी, आईटी व अन्य एजेंसियो का दुरुपयोग यह सरकार शुरू से ही करती रही है और यह काम आज भी जारी है?"
राहुल गांधी की तल्ख टिप्पणी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्विटर पर इस मामले को लेकर सरकार पर तल्ख टिप्पणी की. उन्होंने ट्विटर पर लिखा,
"कागज पर स्याही से सच लिखना, एक कमजोर सरकार को डराने के लिए काफी है."
छापेमारी को केजरीवाल ने बताया बेहद खतरनाक
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस मामले की निंदा की. उन्होंने कहा कि जो बीजेपी सरकार के खिलाफ बोलेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा. केजरीवाल ने अपने ट्वीट में लिखा,
"दैनिक भास्कर और भारत समाचार पर आयकर छापे मीडिया को डराने का प्रयास है. उनका संदेश साफ है- जो भाजपा सरकार के खिलाफ बोलेगा, उसे बख्शेंगे नहीं. ऐसी सोच बेहद खतरनाक है. सभी को इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए. ये छापे तुरंत बंद किए जायें और मीडिया को स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जाए."
ममता बनर्जी बोलीं- लोकतंत्र पर एक और हमला
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस मामले की कड़ी आलोचना की. ममता ने कहा कि लोकतंत्र को तोड़ने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा,
"पत्रकारों और मीडिया संस्थानों पर हमला लोकतंत्र को कमजोर करने की एक और कोशिश है. जिस तरह से मोदी जी कोरोना को ठीक से हैंडल नहीं कर पाए और देश को महामारी के दौरान भयानक दिन देखने को मिले उसे दैनिक भास्कर ने बहादुरी के साथ रिपोर्ट किया. मैं ऐसी हरकत की कड़ी निंदा करती हूं. जिसका लक्ष्य सच बोलने वाली आवाज को दबाना है. ये हमारे लोकतंत्र के मूल्यों का घोर उल्लंघन है. मीडिया में सभी लोगों से मेरी अपील है कि मजबूती के साथ खड़े रहिए, हम सब साथ मिलकर निरंकुश ताकतों को सफल नहीं होने देंगे."
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी इस मामले को लेकर ट्वीट किया और बताया कि पूरे यूपी में इसे लेकर प्रदर्शन होंगे. उन्होंने संसद सत्र के दौरान सदन में आईटी छापेमारी के विरोध में नारेबाजी भी की. साथ ही कहा कि, पत्रकारों पर छापेमारी लोकतंत्र से गद्दारी है.
कपिल सिब्बल ने कहा- आप क्रोनोलॉजी समझिए
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने भी इस मामले को लेकर सरकार पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि, भास्कर ग्रुप ने दो दिन पहले फोन टैपिंग और जासूसी मामले में एक बड़ा आर्टिकल छापा, साथ ही गुजरात में हुई कुछ घटनाओं का भी जिक्र किया. इसके बाद अहमदाबाद, भोपाल और अन्य जगहों पर आईटी की छामेपारी हो गई. आप क्रोनोलॉजी समझिए.
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी इस मामले पर ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, दैनिक भास्कर के दफ्तरों और प्रमोटरों के घर आईटी के छापे, उनकी दूसरी कोरोना लहर की तबाही की रिपोर्टिंग के बाद... अगर आप गोदी मीडिया की तरह रेंगते नहीं हैं तो आपको कीमत चुकानी होगी.
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