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J&K: इंटरनेट मामले में कोर्ट के आदेश सरकार के लिए झटका:कांग्रेस  

अदालत का यह आदेश केंद्र सरकार के लिए एक झटके के तौर पर देखा जा रहा है

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कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी से जुड़ी सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को मोदी सरकार के लिए साल 2020 का पहला बड़ा झटका करार दिया है. कांग्रेस ने शुक्रवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह स्मरण कराया गया है कि देश उनके सामने नहीं, संविधान के समक्ष झुकता है.

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पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘’सुप्रीम कोर्ट मोदी सरकार की गैरकानूनी गतिविधियों को यह कहते हुए पहला बड़ा झटका दिया कि इंटरनेट की आजादी एक मौलिक अधिकार है.’’
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उन्होंने लिखा है कि, '' मोदी-शाह के लिए दोहरा झटका है कि विरोध को धारा 144 लगाकर नहीं दबाया जा सकता. उन्होंने कहा कि मोदी जी को याद दिलाया गया है कि राष्ट्र उनके सामने नहीं, संविधान के सामने झुकता है.

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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर के प्रशासन को एक हफ्ते के भीतर सभी पाबंदियों की समीक्षा करने और उन्हें अदालत के समक्ष उठाने के लिए सार्वजनिक रूप से प्रकाशित करने के निर्देश दिए, जिसके बाद कांग्रेस ने अब इस पर प्रतिक्रिया दी है.

अदालत का यह आदेश केंद्र सरकार के लिए एक झटके के तौर पर देखा जा रहा है, जो घाटी में अपने कदम को उचित बता रही है. अदालत ने यह भी कहा कि इंटरनेट पर प्रतिबंध संविधान के खिलाफ है.

न्यायमूर्ति एन. वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि नवगठित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के प्रशासन द्वारा लगाई गईं पाबंदियों की सात दिनों में समीक्षा की जाएगी.

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