भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने लद्दाख से अपने मौजूदा सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल का टिकट काट दिया है. 23 अप्रैल को बीजेपी मुख्यालय से जारी 14वीं सूची में नामग्याल की जगह ताशी ग्यालसन का नाम था, जो पेशे से वकील और बीजेपी के नेतृत्व वाली लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद-लेह (LAHDC-लेह) के अध्यक्ष हैं.
ऐसे में आइए जानते हैं कि जामयांग सेरिंग नामग्याल कौन हैं? वो कैसे चर्चा में आए और टिकट कटने पर क्या बोले नामग्याल?
जामयांग सेरिंग नामग्याल कौन हैं?
जामयांग सेरिंग नामग्याल का जन्म 4 अगस्त 1985 को जम्मू और कश्मीर के लेह जिले (वर्तमान में लद्दाख, भारत में) के माथो गांव में हुआ था.
स्टैनजिन दोरजे और इशी पुतित नामग्याल के माता पिता हैं.
जामयांग त्सेरिंग नामग्याल को लोग 'JTN' के नाम से जानते हैं.
जामयांग ने केंद्रीय बौद्ध अध्ययन संस्थान, लेह से 12वीं किया.
जम्मू विश्वविद्यालय से जमयांग ने स्नातक की पढ़ाई पूरी की.
वो बौद्ध धर्म को मानते हैं.
राजनीति में आने से पहले, जामयांग ने ऑल लद्दाख स्टूडेंट एसोसिएशन में विभिन्न पदों पर काम किया और बाद में 2011 से 2012 तक इसके अध्यक्ष भी रहे.
वहीं, बीजेपी में शामिल होने के बाद, उन्होंने लद्दाख के संसद थुपस्तान छेवांग के निजी सचिव के रूप में कार्य किया. उन्होंने 2015 में मार्टसेलंग निर्वाचन क्षेत्र से लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (LAHDC), लेह का चुनाव लड़ा और पार्षद के रूप में रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की.
हालांकि, बाद में मुख्य कार्यकारी पार्षद के पद से दोर्जे मोटुप के इस्तीफे के बाद, जामयांग को एलएएचडीसी का मुख्य कार्यकारी पार्षद के रूप में चुना गया.
नामग्याल को 2019 में मिला बीजेपी का टिकट
बीजेपी ने 29 मार्च 2019 को लद्दाख संसदीय क्षेत्र से जेटीएन को मैदान में उतारा था. इस लोकसभा चुनाव में जामयांग सेरिंग नामग्याल को 33.94 प्रतिशत वोट पाकर विजयी हुए. नामग्याल को 42,914 वोट मिले जबकि रनरअप रहे निर्दलीय सज्जाद हुसैन को 31,984 मत मिले. हुसैन का वोट शेयर 25,30 था. यहां पर कांग्रेस चौथे नंबर पर रही थी.
बीजेपी ने जामयांग सेरिंग नामग्याल को लद्दाख पार्टी इकाई का अध्यक्ष भी बनाया. वो 20 जुलाई 2020 से 9 जनवरी 2022 तक लद्दाख बीजेपी यूनिट के पहले अध्यक्ष थे.
कैसे चर्चा में आए जामयांग सेरिंग नामग्याल?
जामयांग सेरिंग नामग्याल 6 अगस्त 2019 को चर्चा में आए थे. इस दिन नामग्याल संसद में दिए अपने भाषण को लेकर चर्चा में आए थे.
दरअसल, 5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रभाव को खत्म कर दिया, साथ ही राज्य को 2 हिस्सों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटते हुए दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था.
इसी पर 6 अगस्त को संसद में चर्चा हो रही थी. तभी एक 34 साल (तात्कालीक उम्र) का युवा सांसद पीछे से बोलने के लिए खड़ा होता है. भूरे रंग के लद्दाख के पारंपरिक परिधान में पहुंचे इस सांसद ने जब बोलना शुरू किया, तो सबकी नजर इस पर आ टिकी. ये कोई और नहीं बल्कि बीजेपी के लद्दाख से सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल थे.
नामग्याल ने अपने भाषणा से सबको आकर्षित कर दिया. उन्होंने इस अंदाज में अपनी बात रखी कि गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक उनके मुरीद हो गए.
आप जामयांग सेरिंग नामग्याल का 6 अगस्त, 2019 में संसद में दिया गया भाषण नीचे सुन सकते हैं.
टिकट कटने पर क्या बोले नामग्याल ?
PTI से नामग्याल ने कहा था कि लद्दाख में उनका टिकट काटे जाने पर उनके समर्थक बीजेपी के फैसले पर विरोध जता रहे हैं. “आज बीजेपी ने ट्रांसपेरेंट और ठोस कारण बताए बिना मौजूदा सांसद की जगह लद्दाख संसदीय क्षेत्र के लिए एक नए उम्मीदवार की घोषणा की.”
सांसद ने कहा कि उन्होंने इस ‘अन्याय’ को लेकर उचित माध्यमों के जरिए पार्टी नेतृत्व से ‘असहमति’ जता दी है.
26 अप्रैल को 'द हिंदू' को दिए एक इंटरव्यू में मौजूदा बीजेपी सांसद नामग्याल ने कहा, "लेह में आज मेरे समर्थन में सभी समर्थक इकट्ठा हुए. वो बीजेपी प्रत्याशी के नामांकन करने पर खुश नहीं है. इस तरह की प्रतिक्रिया से बड़ा सवाल यह बना हुआ है कि क्या पार्टी यह सीट बरकरार रख पाएगी".
उन्होंने ये भी कहा कि हम स्थिति का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करेंगे और लद्दाख के लोगों की भलाई को सबसे आगे रखते हुए अपनी अगला कदम तय करेंगे".
लोकसभा चुनाव 2024 से जुड़ी तमाम खबरें पर आप यहां पढ़ सकते हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)