बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी नेताओं से कोरोना संक्रमण के फैलाव को सांप्रदायिक रंग न देने और किसी भी तरह के विभाजन को न बढ़ाने की अपील की है.
बता दें नड्डा ने यह बयान निजामुद्दीन मरकज की घटना के बाद दिया है. निजामुद्दीन में तबलीगी जमात मरकज के बाद पूरे देश में वहां से लौटे लोगों के कोरोना संक्रमण से संबंधित 400 मामले सामने आए थे. इनमें से 15 लोगों की मौत भी हो गई.
राष्ट्रीय पदाधिकारियों के साथ हुई एक बैठक में गुरूवार की शाम नड्डा ने कहा कि ‘किसी भी पार्टी नेता को भड़काऊ या विभाजनकारी बयान नहीं देना है. साथ ही प्रधानमंत्री और राज्य सरकारों को कोरोना के खिलाफ जंग में समर्थन देना है, इस बीच से प्रभावित नहीं होना है कि कौन सी पार्टी किस राज्य में सत्ता में है.’
बैठक में शामिल हुए एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ''हमें पहले ही निर्देश दिए गए थे कि किसी भी तरह की उकसाऊ बात नहीं कहनी है. हम पर देश के नेतृत्व की एक बड़ी जिम्मेदारी है. इस वायरस ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है. जिसमें सभी विश्वासों को मानने वाले लोग हैं.'' नेता ने आगे कहा,
‘’जब तबीलीगी मरकज का मामला सामने आया तो यह बात दोहराई गई कि किसी को भी इसे सांप्रदायिक रंग नहीं देना है. केवल अल्पसंख्यक समुदाय के नेता ही इस पर बात कर सकते हैं, अगर वे चाहें तो. हमें कोरोना के खिलाफ जंग में एकजुट रहना है.’’
बता दें सोशल मीडिया पर मरकज की घटना के बाद मुस्लिम समुदाय को बड़े पैमाने पर निशान बनाया गया था. CoronaJihad और Markaz Conspiracy जैसे कैंपेन चलाए गए.
एक अप्रैल को ही बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने ट्वीट में कहा, ''पिछले तीन महीनों में दिल्ली में एक तरह का मुस्लिम उभार हुआ है. पहले CAA विरोध प्रदर्शनों की आड़ में शाहीन बाग से जामिया और जाफराबाद से सीलमपुर तक. अब मरकज पर कट्टरपंथी तबलीगी जमात मरकज से. इसे ठीक किए जाने की जरूरत है.''
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