मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार के मंत्रियों की लिस्ट फाइनल हो चुकी है. ये सभी 25 दिसंबर को क्रिसमस के मौके पर शपथ लेंगे.
बता दें शनिवार सुबह इस मामले को लेकर कमलनाथ की राहुल गांधी से मुलाकात हुई थी. मंत्रिमंडल के नामों को लेकर अभी तक कोई अधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक, 25 दिसंबर को दोपहर तीन बजे से होने वाले समारोह में करीब 22 मंत्री शपथ लेंगे.
मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय संतुलन का भी ख्याल रखा जाएगा. माना जा रहा है मालवा-निमाड़ क्षेत्र का कैबिनेट में दबदबा रहेगा. यहां कांग्रेस ने सबसे ज्यादा सीटें भी जीती हैं.
बड़े शहरों से ये बन सकते हैं मंत्री
भोपाल से आरिफ अकील और पीसी शर्मा को मंत्री बनाए जाने की खबर है. वहीं इंदौर से जीतू पटवारी और तुलसी सिलावट को पद मिल सकता है. आरिफ दिग्विजय सरकार में अल्पसंख्यक मंत्री भी रह चुके है. वे भोपाल उत्तर से 5 वीं बार विधायक चुने गए हैं.
तीसरे बड़े शहर जबलपुर की बात करें तो लखन घनघोरिया और तरुण भनोत कमलनाथ कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं. ग्वालियर से फिलहाल रेस में केवल प्रद्युमन सिंह तोमर का नाम आ रहा है.
पुराने लोगों पर फिर जताएंगे भरोसा?
दिग्विजय सरकार में मंत्री रहे कई विधायक दोबारा मंत्री बनाए जा सकते हैं. इनमें पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बाला बच्चन, पूर्व ऊर्जा मंत्री एन पी प्रजापति, अजय सिंह जैसे नाम शामिल हैं. बता दें कमलनाथ पहले ही कह चुके हैं कि पहली बार विधानसभा पहुंचे विधायकों को मंत्री बनाने की उनकी मंशा नहीं है.
चार निर्दलीय विधायकों ने भी कांग्रेस को समर्थन दिया है. इनमें से दो को मंत्री बनाया जा सकता है. वहीं दूसरे दो को बाद में कोई निगम संबंधी पद दिया जा सकता है.
अजय सिंह के भविष्य पर संशय
दिग्गज कांग्रेस नेता अजय सिंह अपने गृह क्षेत्र चुरहट से विधानसभा चुनाव हार गए हैं. माना जा रहा है उन्हें मंत्री बनाया जाएगा और किसी विधायक से सीट खाली करवाकर विधानसभा चुनाव लड़ाया जाएगा.
अजय सिंह, कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम अर्जुन सिंह के बेटे हैं. वे नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं. कुछ मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि उन्हें गृहमंत्री भी बनाया जा सकता है.
वहीं बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए संजय शर्मा को भी मंत्री बनाए जाने की चर्चा है. शर्मा ने चुनावों से ठीक पहले बीजेपी का साथ छोड़ दिया था. वे तीसरी बार विधायक बने हैं. इनके अलावा इमरती देवी और दिग्विजय के बेटे जयवर्धन सिंह को भी राज्य मंत्री बनाया जा सकता है.
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