- भगवान की मर्जी से बनेगा मंदिर, मैं सुन्नी वक्फ बोर्ड का वकील नहीं: सिब्बल
- शर्मनाक है राम मंदिर पर कांग्रेस का रुख: अमित शाह
- क्या वक्फ बोर्ड चुनाव लड़ता है? क्या चुनाव के लिए सुनवाई टालने के विचार वक्फ बोर्ड के हैं? देश में कांग्रेस पार्टी चुनाव लड़ रही है: नरेंद्र मोदी
सुप्रीम कोर्ट में दिए गए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील कपिल सिब्बल की दलील पर छिड़ा घमासान एक कदम और आगे बढ़ गया. प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी एक रैली में कहा है कि कपिल सिब्बल ये नहीं कह सकते कि राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में 2019 के चुनाव तक सुनवाई नहीं होनी चाहिए. वहीं अमित शाह ने कहा है कि राम मंदिर पर कांग्रेस का दिखावा शर्मनाक है, सिब्बल के बयान से साबित हो गया है कि वो कांग्रेस की तरफ से बोल रहे थे.
कपिल सिब्बल ने अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर कहा है कि हम भगवान पर भरोसा करते हैं न कि प्रधानमंत्री मोदी पर. उन्होंने कहा है कि मोदी के कहने से राम मंदिर नहीं बनेगा, जब भगवान चाहेंगे तो राम मंदिर बन जाएगा.
क्यों मचा है हंगामा?
दरअसल कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद पर सुनवाई में कहा कि इस मामले की नियमित सुनवाई 2019 के आम चुनाव के बाद ही शुरू की जाए. इसके बाद से ही बीजेपी के बड़े नेताओं ने कांग्रेस को घेरना शुरु कर दिया है.
अमित शाह ने बयान के तुरंत बाद कांग्रेस से पूछा है कि कांग्रेस साफ-साफ बताए कि अयोध्या में राम मंदिर चाहती है या नहीं. कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी की भूमिका मंथरा की है. वो बात को दूसरे तरीके से पेश कर रही है.
इस मामले में बुधवार को किसने क्या कहा:
कपिल सिब्बल, कांग्रेस नेता, वकील
- हम भगवान पर भरोसा करते हैं, प्रधानमंत्री आप पर नहीं. आप राम मंदिर बनवाने नहीं जा रहे है , जब भगवान चाहेंगे राम मंदिर बन जाएगा. सुप्रीम कोर्ट इसपर फैसला करेगा.
- मैं सुनी वक्फ बोर्ड का सुप्रीम कोर्ट में वकील नहीं हूं. पीएम ने मुझे बोर्ड के वकील के तौर पर 'धन्यवाद' दिया है. पीएम से अपील है कि वो थोड़ी सावधानी बरता करें.
- बीजेपी और पीएम के ऐसे बयानों से कुछ नतीजा नहीं निकलता है, सिर्फ विवाद खड़े होते हैं.
अमित शाह, अध्यक्ष, बीजेपी
- शर्मनाक है राम मंदिर पर कांग्रेस का रूख
- सुन्नी वक्फ बोर्ड भी इस बात से सहमत नहीं जो कोर्ट में कपिल सिब्बल ने कही है.
- साफ है कांग्रेस नेता के नाते कपिल सिब्बल ने अपनी बात रखी और उन्हें अपने आला कमान का आशीर्वाद है
खबरों के मुताबिक, सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा है कि वह सिब्बल के विचारों से सहमत नहीं है.
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
- इस मुद्दे को राजनीतिक लाभ-हानि से दूर रखा जाना चाहिए
- कपिल सिब्बल ने मुस्लिम समुदाय के मुद्दे की वकालत की है. उन्हें ऐसा करने का हक है और हमें इससे कोई दिक्कत नहीं है. आप बाबरी मस्जिद को बचाने के लिए सभी तथ्यों एवं कानूनों का हवाला देते हुए अपनी दलील पेश कर सकते हैं. , लेकिन आप ये नहीं कहें कि मामले में 2019 के चुनाव तक सुनवाई नहीं होनी चाहिए
- क्या वक्फ बोर्ड चुनाव लड़ता है? क्या चुनाव के लिए सुनवाई टालने के विचार वक्फ बोर्ड के हैं? देश में कांग्रेस पार्टी चुनाव लड़ रही है. आप चुनाव में राजनीतिक लाभ-हानि के लिए मामले को उलझाए रखना चाहते हैं?
- हमारी सरकार ने यूपी विधानसभा में संभावित नुकसान का खतरा मोल लेते हुए सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक का विरोध करने का फैसला किया था.
हालांकि प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस का कहना है कि उच्चतम न्यायालय में मामले में एक पक्ष की पैरवी कर रहे सिब्बल के विचार उनके खुद के हैं.
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