लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) में बिहार (Bihar) की काराकाट (Karakat) हॉट सीट बनी हुई है. इस सीट से दिग्गज नेता उपेंद्र कुशवाहा तो चुनाव लड़ ही रहे हैं लेकिन अब भोजपुरी स्टार पवन सिंह के इस सीट से चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद खेल दिलचस्प बन गया है. चुनावी मैदान त्रिकोणीय लड़ाई में बदल गया है क्योंकि इंडिया गुट के उम्मीदवार भी रेस में शामिल हैं. अब किस तरह के समीकरण बदले हैं, आइए देखते हैं.
काराकाट से कौन-कौन चुनावी मैदान में हैं?
भोजपुरी गायक पवन सिंह ने पश्चिम बंगाल के आसनसोल से बीजेपी का टिकट लौटाने के बाद बिहार की काराकाट सीट से ताल ठोंक दी है. पवन सिंह आरा के रहने वाले हैं. माना जा रहा है कि वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे.
एनडीए गठबंधन के तहत ये इकलौती काराकाट सीट उपेंद्र कुशवाहा के खाते में गई है. उपेंद्र कुशवाहा एनडीए की ओर से चुनाव लड़ेंगे.
इंडिया गुट के तहत ये सीट सीपीआई (एमएल-एल) के खाते में आई है और इस सीट राजा राम सिंह कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया गया है.
पवन सिंह Vs उपेंद्र कुशवाहा Vs राजा राम सिंह कुशवाहा
पवन सिंह के पक्ष में कौन से फैक्टर हैं?
पवन सिंह भोजपुरी पावर स्टार हैं, वे प्रसिद्ध गायक हैं.
पवन सिंह की पहचान बिहार में व्यापक स्तर पर है.
वे कई बार पीएम मोदी की तारीफ करते दिखे हैं, उन्हें बीजेपी के सहयोगी के तौर पर देखा जा सकता है.
उपेंद्र कुशवाहा के पक्ष में कौन से फैक्टर हैं?
बिहार के दिग्गज नेता हैं.
काराकाट से पहले भी जीत चुके हैं.
एनडीए के कैंडिडेट हैं, मोदी फैक्टर का फायदा मिल सकता है.
पवन सिंह के बाहरी होने की वजह से फायदा मिल सकता है.
राजा राम सिंह के पक्ष में कौन से फैक्टर हैं?
कुशवाहा जाति से आते हैं.
इंडिया गुट के कैंडिडेट हैं, आरजेडी और कांग्रेस का वोट मिल सकता है.
काराकाट विधानसभा सीट सीपीआई (एमएल - एल) के कब्जे में हैं.
काराकाट लोकसभा क्षेत्र के अंदर 6 विधानसभा सीटें हैं - रोहतास जिले की नोखा, डेहरी, काराकाट और औरंगाबाद जिले की गोह, ओबरा और नबीनगर. 2020 के विधानसभा चुनाव में पांच सीटों पर आरजेडी और एक सीट सीपीआई-एमएल (एल) ने जीती थी.
पिछले चुनावों के नतीजों पर नजर
2019 में जेडीयू के महाबली सिंह करीब 84 हजार वोटों के अंतर से जीते थे, इन्हें 45.9% वोट हासिल हुए थे. आरएलएसपी के उपेंद्र कुशवाहा को 36.1% वोट मिले थे. वहीं सीपीआई-एमएल-एल के उम्मीदवार राजाराम सिंह को 2.9% वोट मिले थे.
2014 में उपेंद्र कुशवाहा ने 42.9% वोट के साथ जीत दर्ज की थी. वहीं आरजेडी की कांति सिंह को 29.6% वोट मिला था. जेडीयू के महाबली सिंह को 9.7% वोट और सीपीआई-एमएल-एल के राजाराम सिंह को 4.1% वोट मिले थे.
2009 में जेडीयू के महाबली सिंह ने 34.1% वोट के साथ जीत दर्ज की थी. आरजेडी की कांति सिंह 30.6% वोट के साथ दूसरे पायदान पर थीं. सीपीआई-एमएल-एल के राजाराम सिंह को 6.5% वोट ही मिले थे और वे चौथे पायदान पर थे.
साल 2009 के परिसीमन से पहले काराकाट का इलाका बिक्रमगंज लोकसभा के तौर पर जाना जाता था.
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